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________________ शब्दमाला • ३०७ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ 'वेदिका' स्त्री १००४ वेदिका वेश पुं ६३५ (शि. ५०) वस्त्र अलंकार वेदिजा स्त्री ७११ द्रौपदी माळा वगेरेथी थती अंग सोभा वेदित पुं ३४९ जाणनार, विद्वान वेशन्त पुं १०९५ नानुं सरोवर वेदी स्त्री ८२४ यज्ञनी वेदी 'वेशवार' पुं ४१७ मसालो वेदी स्त्री १००४ वेदिका वेश्मन् न. ९८९ घर वेदोदय पुं ९८ (शे. १०) सूर्य वेश्या स्त्री ५३२ वेश्या, गणिका वेध पुं १५२३ वींध, वेश्याचार्य पुं ३३० वेश्याने नाच शीखवनार वेधनिका स्त्री ९०९ मोती वगेरे विधवा- शस्त्र अध्यापक वेधस् पुं २१२ ब्रह्मा वेश्याश्रय पुं १००३ वेश्याने रहेवा स्थान वेषस् पुं २१७ विष्णु के पुं न. ६३५ वत्र अलंकार माळा वेधित पुं १४८६ वींधायेलं वगेरेथी थती अंग शोभा वेध्य न. ७७७ निशान वेषवार पुं ४१७ सूंठ, मरी वगेरे मसालो वेध्या स्त्री २९४ (शे. ८८) वाजिबनो एक भेद | वेहन न. ५७४ काननो पडदो, वेपथु पुं ३०६ कंप, ध्रुजारी __ काननुं पोलाण वेम पुं९१३ (शि.७९) वेमा, वणकरनी-साळ | 'वेसवार' पुं ४१७ मसालो वेमन् पुं न. ९१३ वेमा, वणकरनी साळवेसर पुं १२५३ खच्चर बेर पं न. ५६३ शरीर | वेहत् स्त्री १२६६ गर्भाधान माटे सांढ पासे वेल न. ११११. बगीचो, कृत्रिम वाडी | . जनारी गाय वेला स्त्री १०७६ लहर, तरंग, मोजा |वैकक्ष न. ६५२ जनोईनी पेठे पहेरेली माला वेला स्त्री १५०९ समय, अवसर | वैकक्ष न. ६७२ खेस, उत्तरासंग वेलज न. ४२० काळा मरी | वैकटिक पुं ९१० झवेरी वेलित न. १२४५ घोडा, जमीन उपर | वैकुण्ठ पुं २१५ विष्णु आळोटर्बु ते वैकुण्ठ पुं ८९ (शे. ७) गणदेवता वेलित न. १४५६ वक्र, वांकु वैखानस पुं८०९ वानप्रस्थ (चीजो आश्रम) वेलित न. १४८१ कंपेल, हलावेलं वैजनन पुं ५४१ प्रसव मास, वेलिताग्र पुं५६८ (शे. ११९) केश, वाळ गर्भनो छेल्लो मास वेश पुं १००३ वेश्याओ® रहेठाण वैजयन्त पुं १७८ इन्द्रनो महेल अने ध्वज
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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