SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 333
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला • ३०२ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ विष्णु पुं २१४ विष्णु, कृष्ण 'विष्णुकान्ता' स्त्री १९५६ गरणी (वनस्पति) विष्णुगुप्त पुं ८५४ वात्स्यायन ऋषि, न्याय भाष्यकार विष्णुगृह न. ९७९ तामलिप्ति नगरी विष्णुद्विष् पुं ६९८ वासुदेवनो शत्रु : विष्णुपद न. १६३ आकाश • विष्णुपदी स्त्री १०८२ गंगा नदी विष्णुवाहन न. २३० गरुड पक्षी विष्णुशक्ति स्त्री २२६ (शे: ७८) लक्ष्मी विष्वक् अ. १५२९ चारे बाजु विष्वक्सेन पुं २१४ विष्णु, कृष्ण 'विष्वक्सेना' स्त्री ११४९ कांग विष्वद्र्यञ्च अ. ४४४ सर्व तरफ जनार, सर्व व्यापक विष्वाण पुं ४२४ भोजन, खावुं ते विस न. ११६५ कमलनी नाळ विसंवादपुं १५१९ ठगवुं, खोटं कही भरमाववुं विसकण्टिका स्त्री १३३३ ( शि. १२० ) बगली विसकिण्ठका स्त्री १३३३ बगली विसप्रसूत न. ११६१ कमळ विसप्रसून न. ११६२ कमळ विसर पुं १४११ समूह, समुदाय विसर्जन न. ३८६ दान, त्याग, विदाय कर विसार पुं १३४४ मच्छ, माछलुं विसारिन् पुं ३९० विस्तार पामनार शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ विसृत्वर पुं ३९० विस्तार पामनार विसृमर पुं ३९० विस्तार पामनार (विस्कल्ल) पुं १०९० कादव विस्त पुं ८८४ एंसी रति भार वजन विस्तर पुं १४३२ शब्दनो समूह विस्तार पुं ११२४ वृक्षनो विस्तार विस्तारपुं १४३२ विस्तार, विशाळता, फेलावो विस्तीर्ण न. १४३० विशाळ, मोटुं विस्फार पुं १४०६ धनुष्यनो टंकार (शब्द) विस्फुलिङ्ग पुं ११९९ वनस्पति जन्य स्थावर विष विस्फोट पुं ४६६ ( शि. ३३) विस्फोटक, फोल्लो विस्मय पुं ३०३ आश्चर्य विस्मृत न. १४९५ विसरी गयेलुं विस्त्र न. ६२१ लोही वित्र नं. १३९२ काचा मांस वगेरेनी गंध विस्त्रगन्धि पुं १०५८ हरताल 'विस्त्रम्भ' पुं १५१८ विश्वास विस्त्रसा स्त्री ३४० जरा, वृद्धावस्थानो हेतु विहग पुं १३१६ पक्षी विहङ्ग पुं १३१६ पक्षी विहङ्गम पुं १३१६ पक्षी विहङ्गमा स्त्री ३६४ (शि. २५) कावड, भार उपाडवानी लाकडी विहङ्गिका स्त्री ३६४ कावड, भार उपाडवानी लाकडी
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy