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- शब्दमाला . २९९ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ । विलास पुं ५०७ वीओना १० स्वाभाविक | विवोढ़ पुं ५१७ पति, वर
अलंकार पैकी एक | विव्वोक पुं ५०७ स्त्रीओना स्वाभाविक विलीन पुं १४८७ पीगळी गयेखें
१० अलंकार पैकी एक विलेपन न. ६३५ विलेपन, अंगराग | विश् पुं ३३७ मनुष्य विलेपी स्त्री ३९७ राबडी, कांजी विश् स्त्री न. ६३४ विष्ठा, मळ (विलेप्या) स्त्री ३९७ राबडी, कांजी विश पुं ८६४ वैश्य विलोचन न. ५७५ (शि. ४६) आंख 'विश' न. ११६५ कमळनी नाळ विलोम न. १४६५ विपरीत, उल्टुं विशङ्कट न. १४२९ विशाळ, मोटुं विलोमजिह्व पुं १२१८ (शे. १७६) हाथी | विशद पुं १३९२. सफेद, शुक्ल विवध पुं ३६४ भार, बोजो |विशंद न. १४३६ निर्मल, उज्ज्वल विवधिक पुं ३६४ (शि. २४) अन्नादिकनो | विशरण न. ३७० हिंसा
___ भार उपाडनार · |'विशल्या' स्त्री ११५७ गळो विवर पुं १३६४ छिद्र, बिल विशसन न. ३७० हिंसा विवर्ण पुं ३५२ मूर्ख, जड
विशसन न. ७८२ तलवार विवर्ण पुं ९३२ पामर, नीच, असंस्कारी | विशाख पुं २०९ कार्तिकेय, शंकरनो पुत्र विवश पुं ४३८ खराब बुद्धिवाळो , |विशाखा स्त्री ११२ विशाखा नक्षत्र विवस्वत् पुं ९६ सूर्य
| विशाय पुं १५०३ पहेरेगीरोनुं वाराफरती विवाद. पुं २६२ अनेक संदेह दूर करवा • सूq ते
. रूप व्यवहार | विशारण न. ३७२ हिंसा विवाह पुं ५१७ विवाह, लग्न . | विशारद पुं ३४१ विद्वान, पंडित विवाहप्रज्ञप्ति स्त्री २४३ (शि. १६) विशाल न. १४२९ विस्तीर्ण, मोटुं
___ भगवतीसूत्र, पांचमुं अंग सूत्र . | विशालक पुं २३१ (शे. ८०) गरुड पक्षी विविक्त न. ७४२ एकांत .
विशालता स्त्री १४३१ पहोळाई विविध पुं १४६९ घणा प्रकारचें 'विशालत्वच्' पुं ११३३ सप्तपर्ण सात्विन 'विविष्किर' पुं. १३१७ पक्षी ...
(वृक्ष) विवृताक्ष पुं १३२५ कुकडो | विशाला स्त्री ९७६ उज्जयिनी नगरी विवेक पुं ७९ जडचेतन विनुं भेद ज्ञान | विशाला स्त्री ११५७ इन्द्रवारणी, पोईनो वेलो