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- शब्दमाला • २९५ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ विटमाक्षिक पुं १०५५ हीराकसी, | विदिता स्त्री ४५ श्री विमलनाथ भगवाननी माक्षिक धातु
शासनदेवी विट्चर पुं १२८१ गाममा रहेल भंड विदिश् स्त्री १६७ दिशाना खूणा विड न. ९४२ पकावेलुं मीटुं | विदु पुं १२६ बे कुंभ-स्थलनो मध्यभाग "विडाल' पुं १३०१ बिलाडो
विदुर पुं ३४९ जाणनार 'वितंस' पुं ९३१ पशुने, बांधवानी जाळ | 'विदुर' पुं ११३७ नेतर वितथ न. २६५ असत्य वचन विदुल पुं ११३७ नेतर वितरण न. ३८६ दान, त्याग - | विदूरग पुं १३९० घणे दूर सुधी जाय वितर्क पुं ३२२ विचारणा ..
. तेवी सुगंध वितदि स्त्री १००४ वेदिका | विदूषक पुं ३३१ शृंगार रस सहायक एक 'वितर्दी' स्त्री १००४ वेदिका
मश्करो वितस्ति पुंस्त्री ५९५ वेंत, बार अंगुल प्राण | विदेह पुं स्त्री ९४६ पांच महाविदेह क्षेत्र वितान पुं न. ६८१ चंदरवो | विदेहा स्त्री ९७५ मिथिला नगरी वितान न. ८२० यज्ञ
विद्ध पुं १४८६ वींधायेखें वितुनक न. १०५२ मोरथुथु, नील' अंजन | विद्या स्त्री ६६५ (शे. १३५) घूघरी वित्त न. १९१ धन
| विद्याप्रवाहन. २४८ १४ पूर्व पैकी दश, पूर्व वित्त न. १४७५ विचारेलु
विधुत्प्रिय न. १०४९ कांसु वित्त पुं १४९३ विख्यात, प्रसिद्ध | विद्यामणि स्त्री ६६५ घूघरी (वित्तेश) पुं १९० कुबेर देव विद्युत् स्त्री ११०४ वीजळी विथुर पुं १८८ (शे. ३८) राक्षस | विद्रधिपुं ४७१ हाडकामा रहेलो भयंकर सोजो विदग्ध पुं. ३४३ अत्यंत होशियार | विद्रव पुं ८०२ पलायन, नासी जq विदर पुं १४८८ फाडवू, चीरवू . | विद्रुत पुं १४८७ पिंगळी गयेखें । विदर्भा स्त्री ९७९ कुंडिनपुर . . | विद्रुम पुं १०६६ परवाळा विदारक पुं १०८८ सूकायेली नदीमां पाणी | विद्वस् पुं ३४१ विद्वान, पंडित
काढवा माटे कराता खाडा-वीरडा | विद्वेष पुं ७३० वैर, विरोध विदित न. १४९६ जाणेलं
| विधवा स्त्री ५३० पति वगरनी स्त्री 'विदित' न. १४८९ स्वीकारेलुं विधवा स्त्री ५३१ (शि. ४३) पति वगरनी स्त्री
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