________________
THEHEERENA
दशीओ
शब्दमाला • २९१ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ वसूक न. ९४२ साबर मीढुं 'वह्निशिख' न. ११५९ कसुंबो वस्त पुं १२७५ बकरो
वालिन् पुं ७०४ वालि वस्ति पुं स्त्री ६६७ दशीओ वालुक पुं ११९७ वनस्पतिजन्य स्थावर विष
(वस्त्र छेडे होय ते) | वालुका स्त्री १०८९ रेती वस्त्र पुं न. ६६६ वस्त्र, कपडं वालुकाप्रभा स्त्री १३६० नरकनी त्रीजी पृथ्वी (वस्त्र) न. १०६३ रत्ननी आठ जाति पैकी | वालुंकी स्त्री ११८९ काकडी एक जाति
| वालेय पुं १२५६ गधेडो वस्त्रपेशी स्त्री ६६७ (शे. १३७) वस्त्रनी | | वाल्मीक पुं ८४६ वाल्मीकि ऋषि
| वाल्मीकि पुं ८४६ वाल्मीकि ऋषि वस्त्र पुं न. ८६८ कीमत, मूल्य | वावदूक पुं ३४६ बोलवामां कुशल, वक्ता वस्त्र न. ६६७ (शे. १३७) वस्त्र, कपडु | (वावल्ल) पुं ७८० बाणनो एक भेद वस्नसा स्त्री ६३१ नस, स्नायु · वावृत्त पुं १४८४ ढंकायेलं, पसंद करेलु, वस्वोकसारा स्त्री १९१ कुबेरनी नगरी . ।
चूंटी काढेलु वह पुं १०९० मोटी नदी, नद, द्रह । वाशा स्त्री ११४० (शे. १०२) अरडुशी वह पुं १२६४ बळदनो स्कंध, खांध | वाशित न. १४०७ पशुओनो शब्द वह पुं ११०७ (शे. १७२) वायु, पवन | 'वाशिका' स्त्री ११४० अरडुशी वहन न. ८७६ वहाण
वाशिष्ठ न. ६२१ लोही वहल न, १४४७ घट, निरंतर 'कसक' पुं ११४० अरडुशी वह स्त्री १०८० नदी
वासतेयी स्त्री १४२ रात्रि वहिनक न. ८७५ वहाण
वासना स्त्री १३७३ पूर्व संस्कार, अनुभवेल वह्नि पुं १०९७ अग्नि
देखेल वि. प्रसंगने भूली न जवू ते वह्रिकुमार पुं ९० पांचमा भवनपति देव | वासनीयक न. ६४५ (शे. १३२) केशर वह्निनेत्र पुं २०० (शे. ४५) शंकर । | वासन्त पुं ११७३ काळा मग वह्निबीज न. १०४४ सोनुं
वासन्त पुं १२५४ ऊंट वहिभू पुं.१११४ (शे. १७४) वृक्ष, झाड वासन्तिक पुं ३३१ विदूषक वह्निरेतस् पुं १९७ शंकर
वासन्ती स्त्री ११४७ माधवी लता, वह्निशिख न. ६४५ केसर
मोगरानो वेलो