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.शब्दमाला . २८९
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शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ · शब्द /लिंग / श्लोक / अर्थ अर्थ न. १४३८ प्रधान, मुख्य, श्रेष्ठ वलिन पुं ४५६ जेनी चामडी ढीली पडतां वर्या स्त्री ५११ स्वयंवरने पसंद करनार
करचळी वळी गई होय ते वर्वणा स्त्री १२१४ लीला वर्णवाळी मांख वलिभ पुं ४५६ जेनी चामडी ढीली पडतां वर्ष पुं न. १५९ वरस
करचळी वळी गई होय ते वर्ष पुं न. १६६ वरसाद
वलिर पुं ४५८ त्रांसी आंखवाळो वर्ष पुं न. ९४७ क्षेत्र
वलीक पुं न. १०११ छापरानो आगलो भाग वर्षकरी स्त्री १२१६ तमहं,
वल्क पुं न. ११२१ वृक्ष वगेरेनी छाल . भमरा जेवू क्षुद्र जंतु | वल्कल पुं न. ११२१ वृक्ष वगेरेनी छाल वर्षकोश पुं १५२ (शे. २३) मास, महिनो | वल्ग न. १२५२ (शि. १११) दोरी, लगाम वर्षण न. १६६ वरसाद
वल्गा स्त्री १२५२ दोरी, लगाम वर्षधराद्यक न. ६४७ क्षेत्र
वल्गित न. १२४७ घोडानी वर्षपाकिन् पुं ११५२ जंगली आंबो
एक जातनी गति वर्षवर पुं ७२८ अन्तःपुरनो रक्षक, नपुंसक वल्गु न. १४४४ सुंदर, मनोहर वर्षा स्त्री १५७ वर्षाऋतु,
| वल्गुलिका स्त्री १३३७ वागोल श्रावण भादरवो मास . | वल्भन न. ४२३ भोजन, खावू वर्षांशक पुं १५२ (शे. २२) मास, महिनो | वल्मीक पुं ८४६ वाल्मीक ऋषि वर्षाबीज न. १६६ (शे. ३०) पाणीना करा | वल्मीक पुं न. ९७० राफडो वर्षाभू पुं १३५४ देडको :
वाल्ल पुं ११७४ वाल (कठोळ) वर्षीयस् पुं ३४० अति घरडो वलकी स्त्री २८८ वीणा, सारंगी वर्मन् न. ५६४ शरीर .
वल्लकी स्त्री २९० (शे.८९) चांडालनी वीणा वलक्ष पुं १३९३ सफेद वर्ण, शुक्ल (वल्लभ) पुं ५१६ वहालो, पति बलज न. १००४ बारj
वल्लभा स्त्री ५१५ वहाली, पत्नी (वलभि) पुं १०११ छापरानो आधार वल्लर स्त्री ११२२ मंजरी, महोर वलभी स्त्री १०११ छापरानो आधार | 'वल्लरी' स्त्री ११२२ मंजरी, महोर वलय न. ६६३ मथना कांडा- घरेणुं । वाल्लव पुं ७२३ रसोईओ वलयप्राय न. ७८७ (शे. १४९) चक्र | वल्लव पुं ८८९ गोवाळियो वलयित पुं १४७४ घेरायेखें, विटायेलुं ।(वल्लि) स्त्री १११८ वेलो