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शब्दमाला • २८५ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ · शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ बडवामुख न. १३६२ पाताल, नागलोक | वत्सर पुं १५८ वरस (बडवावह्नि) पुं १८ (प.) वडवानल, | वत्सरादि पुं १५२ मागशर महिनो
समुद्रनो अग्नि वत्सल पुं ४७८ स्नेहवाळो, प्रेमाळ बडवासुत पुं (द्वि.व.) १८१ स्वर्गना वैद्य | वत्सला स्त्री १२७१ वाछरडाने इच्छनारी बडिश पुं ९२९ माछलां पकडवानो आंकडो
गाय 'वडू' न. १४३० विशाळ
वत्सादनी स्त्री ११५७ गळो पणिग्मार्ग पुं ९८८ बजार, दुकानोनी श्रेणि | वद पुं ३४६ वक्ता बणिज् पुं ८६७ वेपारी
वदन न. ५७२ मुख पणिज्या स्त्री ८६७ वेपार
| वदन्य पुं ३५१ प्रियवाणीथी दान आपनार बाट पुं ८९२ दातरडानी मूठ, हाथो वदान्य पुं ३५१ प्रियवणीथी दान आपनार बाट पुं १४३४ भाग, हिस्सो | वदाल पुं १३४५ (शे. १९७) हजार 'वण्टक' पुं १४३४ भाग, हिस्सो .
दाढवाळो मच्छ मण्ड पुं ४५५ खराब चामडीवाळो | वदावद पुं ३४६ वक्ता वतंस न. ६५४ (शि. ५३) मस्तक उपर | | वधी पुं स्त्री ९१५ चामडीनी दोरी, वाधर * मुगुटना आकारे नांखेली माला | वध पुं ३७० हिंसा वत् अ. १५४२ (शे. २००) जेवो, सरखो |वधू स्त्री ८(प.) आ शब्द जोडवाथी पत्नी 'वतोका' स्त्री १२६७ वत्स मरी जतो होय वाचक शब्द बने छे. उदा. शिववधू
तेवी गाय |वधू स्त्री ५०३ स्त्री, नारी वत्स पुं न. ६०२ छाती
वधू स्त्री ५१३ पत्नी वत्स पुं १२६० वाछरडो . वधू स्त्री ५१४ पुत्रवधू वत्स पुं १५९ (शे. २७) वरस | वधूटी स्त्री ५१२ परणेली युवान स्त्री वत्सक पुं ११३७ इन्द्रजवनुं झाड | वधूटी स्त्री ५१४ (शि. ४१) पुत्रवधू वत्सकामा स्त्री १२७१ वाछरडाने इच्छनारी | (वध्वटी) स्त्री ५१२ परणेली युवान स्त्री
वन न. १०६९ पाणी वत्सतर पुं १२६०. मोटो वाछरडो व न न. १११० जंगल वत्सनाभ पुं ११९६ वनस्पतिजन्य स्थावर झेर | वनगव पुं १२८६ रोझ वत्सपतन न. ९७५ कौशाम्बी नगरी । वनन्तप पुं १२८० (शे. १८२) कूतरो
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