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. शब्दमाला . २७५ .
माता
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ रामा स्त्री ३९ श्री सुविधिनाथ भगवाननी | रिडण न. १५२२ स्खलना, भूल
रिद्धन. ११८३ मसळेलु, फोतरावाळु अनाज रामा स्त्री ५०५ क्रीडा करती स्त्री रिपु पुं ७२८ शत्रु राम्भ पुं ८१५ व्रतमां धारण करवा लायक | रिरी पुं १०४८ एक जातनुं पित्तल वांसनो दंड
रिटताति पुं ४८९ कल्याण करनार गल पुं ६४७ राळ
टिश स्त्री १३६१ (शे. १९८) छठ्ठी नारकी सव पुं १४०० (शि. १२६) शब्द, ध्वनि | रिष्टि पुं स्त्री ७८२ तलवार . रावण पुं ७०६ लंकापति रावण रीढक पुं ६०१ पासळी, पीठ- हाडकुं रावण पुं ६९९ आठमा प्रतिवासुदेव . रोढा स्त्री १४७९ तिरस्कार, अनादर रावणि पुं ७०६ रावणनो पुत्र, इन्द्रजित् रीण न. १४९६ झरेलु, टपकेखें राशि पुं १४११ समूह
रीति पुं १०४८ एक जात, पित्तल राष्ट्र पुं ७१४ देश,
रीति पुं १३७६ स्वरूप, स्वभाव राज्यना सात अंगमांथी एक | रीतिपुष्प न. १०५४ फूलमाथी बनावेलु राष्ट्र पुं न. ९४७ माणसोनी वस्तीवाळो देश |
अंजन 'राष्ट्रिका' स्त्री ११५७. बेठी भोयरींगणी 'रीती' स्त्री १०४८ एक जात, पित्तळ राष्ट्रिय पुं ३३३ राजानो साळो रीरी पुं १०४८ एक जात, पित्तल
(नाटकनी भाषामां) रुप्रतिक्रिया स्त्री ४७३ रोग दूर करवानी रासभ पुं १२६५ गधेडो
. क्रिया राहु पुं १२१ राहु ग्रह
रुक्म न. १०४३ सोनुं राहु पु २२० बिष्णुनो शत्रु .
(रुक्मिदारण) पुं २२४ बलदेव राहुग्रास पुं १२५ चन्द्रग्रहण
रुक्मिभिद् पुं २२४ बलदेव (राहुमूर्धहर) पुं.२२१ विष्णु
रुग्ण न. १४८३ रोगी, भग्न, वांकु राहुलसू पुं २३७ शाक्यसिंह, बुद्ध रुच् स्त्री १०० किरण (रिक्त) न. १४४६ शून्य, खाली रुचक न. ९४३ संचळ रिक्तक न. १४४६. शून्य, खाली. 'रुचक' पुं ११५० बीजोरु विथ न. १९१ धन .
'रुचक' पुं ११५० एरंडो . .. रिक्षा स्त्री १२०८. लीख
| रुचि स्त्री ९९ किरण