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________________ व अभिधानचिन्तामणिनाममाला . २७४ - H शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ । राजवर्त्मन् न. ९८७ राजमार्ग रात्रिचर पुं १८७ राक्षस राजवाह्य पुं १२२२ राजाने बेसवा योग्य हाथी | रात्रिचर पुं ३८२ (शे. ९५) चोर 'राजवृक्ष' पुं ११४० गरमाळो . रात्रिजागर पुं १२७९ कूतरो राजशय्या स्त्री ७१६ राजानी शय्या | रात्रिञ्चर पुं १८७. राक्षस राजशृङ्ग पुं १३४७ शीगडावालो मच्छ । रात्रिनाशन पुं ९८ (शे. ८) सूर्य (राजश्रोथ) पुं १०३ माठर वगेरे सूर्यना | रात्रिबल पुं.१८८ (शे. ३९) राक्षस पारिपाश्विक देव रात्रिराग पुं १४६ (शे. २१) अंधकार राजसर्प पुं १३०४ बे मों वाळो सर्प (रात्री) स्त्री १४१ रात्रि राजसर्षप पुं ४१८ राई सद्ध न. ४१२ पाकी गयेलुं के पाणीथी राजहंस पुं १३२६ कलहंस .... रांधेलुं अन्न 'राजातन' पुं ११४२ चारोली, झाड राद्धान्त पुं २४२ आगम, सिद्धांत राजादन पुं न. ११४२ चारोली, झाड. राध पुं १५३ वैशाख महिनो (रायण) : राधा स्त्री ११३ विशाखा नक्षत्र राजार्ह न. ६४० अगर . राधातनय पुं ७११ कर्ण राजावर्त पुं १०६६ विराट देशमा उत्पन्न | राधावेधिन् पुं ७०९ अर्जुन थयेलो हीरो (राधेय) पुं.७११ कर्ण राजि स्त्री १४२३ श्रेणि, पंक्ति, हार । | (राभसिक) पुं ३५४ तीक्ष्ण उपाय वडे राजिका स्त्री ४१८ राई कार्य करनार राजिल पुं १३०५ झेर विनानो काबर चीतरो | राम पुं २२४ बलदेव, कृष्णना मोटा भाई मोटो सर्प राम पुं ६९८ नवमा बलदेव 'राजील' पुं १३०५ झेर विनानो मोटो सर्प | राम पुं ७०३ रामचन्द्र, दशरथना पुत्र राजीव पुं ११६१ कमल राम पुं ८४८ परशुराम राज्ञी स्त्री १०४८ एक जात, पित्तल राम पुं १३९७ श्यामवर्ण राटि स्त्री ७९८ युद्ध, लडाई रामचन्द्र पुं७०३ (शि. ६०) दशरथना पुत्र, राढा स्त्री १५१२ शोभा, कान्ति राम रात्रि स्त्री १४१ रात्रि रामठ न. ४२२ हींग (रात्रि) स्त्री ४१८ हलदर . | रामभद्र पुं७०३ (शि. ६०) राम, रामचन्द्र
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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