________________
शब्दमाला . २७१ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ |शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ रनिपृष्ठक न. ५९० (शे. १२४) कोणी | रथिन् पुं ७६१ रथवाळो स्थ पुं ७५१ सेनाना चार अंग पैकी एक | रथिन् पुं ७६१ रथमां बेसी स्थ पुं स्त्री ७५१ युद्धमां लई जवानो रथ
युद्ध करनार सैनिक स्थ पुं ११३७ नेतर
रथिर पुं ७६१ रथमां बेसी रथकट्या स्त्री १४२२ रथोनो समूह
युद्ध करनार सैनिक रथकार पुं ९१७. (शि. ८०) सुथार | रथ्य पुं १२३४ रथने वहन करनार घोडो रथकारक पुं ८९९ माहिष्य पुरुष अने रथ्या स्त्री ९८१ शेरी
करणी स्त्रीथी उत्पन्न थयेल रथ्या स्त्री १४२२ रथोनो समूह रथकुटुम्बिक पुं ७६० सारथि ... रद पुं (ब.व.) ५८३ दांत रथकृत् पुं ९१७ सुथार
रदन पुं ५८४ दांत रथगर्भक पुं.७५३ पुरुषो वडे खभे उपाडी | रदच्छद पुं ५८१ होठ
लई जवातो रथ | रन्तिदेव पुं २१९ (शे. ७२) विष्णु, नारायण रथगुप्ति पुं ७५८ शस्त्रादिकथी बचवा माटे | रन्तिनदी स्त्री १०८६ चर्मण्वती नदी
रथ उपरनुं लोढा, ढांकण | रन्ध्र न. १३६३ छिद्र, बिल 'रथद्रु' पुं ११४२ तिनिश वृक्ष | रमण पुं ८ (प.) आ शब्द जोडवाथी रथद्रुम पुं ११४२ तिनिश वृक्ष | पतिवाचक शब्द बने छे. उदा. गौरी-रमण रथपाद पुं ७५५ चक्र, पै९
| रमण पुं ५१७ वहालो, पति, वर रथरोहिन् पुं ७६१ रथमां बेसीने | रमणी स्त्री ५०५ क्रीडा करनारी स्त्री
युद्ध करनार योद्धो | रमणीय न. १४४५ (शि. १२९) सुंदर, रथाङ्ग न. पुं ७५५ चक्र, पै९ .
मनोहर रथाङ्ग न. (ब.व.) ७५८ चक्र सिवायना | रमा स्त्री २२६ लक्ष्मी, विष्णुनी पत्नी
. . रथना अंगो रम्भा स्त्री ११३६ केळ रथाङ्ग पुं १३३० चक्रवाक पक्षी, चकवो | रम्भा स्त्री १४०६ गायनो शब्द रथाङ्गाह्व पुं १३३० चक्रवाक पक्षी, चकवो | रम्य न. १४४५ सुंदर, मनोहर (रथारोहिन्) पुं ७६१ रथमां बेसीने (रम्यक् ) न. ९४६ पांच रम्यक् - युद्ध करनार योद्धो ...
(अकर्मक भूमि) रथिक पुं ७६१ रथवाळो
।रय पुं ४९४ वेग