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शब्दमाला • २६९ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ .. | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ
रक्तसन्ध्यक न. ११६४ सन्ध्याविकासि रातुं रहस् न. ४९४ वेग
कमळ स्वत न. ६२१ लोही
| रक्तसरोरुह न. ११६२ रक्त कमळ स्वत न. ६४५ केसर
| रक्ताक्ष पुं १२८३ पाडो स्वत न. १०३९ तांबु
रक्ताङ्क पुं १०६६ परवाला रक्त पुं १३९५ गुलाबी रंग
(रक्तिका) स्त्री ८८३ चणोठी, रति रक्तकन्द पुं १०६६ परवाला, प्रवाल रक्तोत्पल न. ११६३ रक्त, कमल रक्तग्रीव पुं १८८ (शे. ३८) राक्षस (रक्तोत्पल) न. ११६४ सन्ध्या विकासी रक्तचन्दन न. ६४२ रतांजली
रातुं कमल रक्तजिह्व पुं १२८५ (शे. १८५) सिंह | रक्षस् नः १८७ राक्षस रक्ततुण्ड पुं १३३५ पोपट
रक्षईश पुं ७०६ रावण रक्ततेजस् न. ६२२ मांस
रक्षा स्त्री ८२८ राखोडी रक्तदन्ती स्त्री २०५ (शे. ५२) पार्वती । 'रक्षा' स्त्री १५२३ रक्षण "रक्तप' स्त्री १२०४ जळो ।
रक्षित पुं न. १४९७ रक्षण करायेखें रक्तपुच्छिका स्त्री १२९९ मोटी गरोळी . | रक्षिवर्ग पुं ७२२ रक्षक वर्ग, लश्करी रक्तफला स्त्री ११८५ टींडोला
. सैनिक रक्तफेनज पुं ६०५ फेंफसा
रक्षोन न. ४१६ कांजी, राब रक्तभव न. ६२२ मांस
रक्षण पुं १५.२३ बचाव, रक्षा रक्तमस्तक पुं १३२८ (शे. १९४). सारस पक्षी | रङ्कु पुं १२९३ हरणनो एक प्रकार 'रक्तमाल' पुं ११४० करंजवृक्ष रङ्ग पुं २८२ नाटकनुं स्थान रक्तवर्ण न. १०४४ (शे: १६३) सोनुं रङ्ग न. १०४२ कलई रक्तलोचन पुं १३३९ कबूतर | रङमात स्त्री ६८५ लाख रक्तवसन पुं ८०९ चोथो संन्यास आश्रम, रङ्गाजीव पुं ३२८ नट _ भिक्षु
रङ्गाजीव पुं ९२१ चितारो रक्तशालि पुं ११६९ लाल चोखा ... रङ्गावतारक पुं ३२८ नट रक्तश्याम पुं १३९८ रातो अने काळो रचना स्त्री ६५३ पुष्पना हार वि.नी रचना
मिश्रित रंग | रचना स्त्री १४९९ रचवू, बनावq, गोठवq