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- शब्दमाला . २५५. शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थे शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ मायूर न. १४१५ मोरोनो समूह मार्जार पुं १३०१ बिलाडो मार पुं २२७ कामदेव
मार्जारकण्ठ पुं १३२० (शे. १८९) मोर मार पुं ३७२ हिंसा
मार्जारकर्णिका स्त्री २०६ चामुंडा देवी मारजित् पुं २३५ बुद्ध, सुगत मार्जिता स्त्री ४०३ शिखंड मारि स्त्री ६० मारी अकाळे औत्पातिक | मार्तण्ड पुं ९५ सूर्य मरण, १२५ योजन सुधी न थाय तेवो | मार्ताण्ड { ९५ सूर्य तीर्थकर देवनो ११मो अतिशय मार्दङ्गिक पुं९२४ मृदंग - तबलां वगाडनार मारि स्त्री ३२५ मरकी, महामारी |मार्दीक न. ९०३ (शि. ७९) मदिरा मारिवारक पुं ७१३ कुमारपाळ महाराजा : मार्ष पुं ३३३ आर्य (नाटकनी भाषामां) मारिष पुं ३३३ (शि. २०) आर्य, माष्टि स्त्री ६३६ साफ करवू ते
नाटकनी भाषामां | माल पुं ९३४ म्लेच्छ जाति मारी स्त्री २०५ (शे. ६१) पार्वती · माल पुं न. ९६३ गाम वच्चे रहेलो मारुत पुं ११०७ वायु, पवन
. जंगल विभाग मारुति पुं ७०५ हनुमान
| मालक पुं ९६३ (शि. ८४) गाम वच्चे मार्कव पुं ११८७ भांगरो (वनस्पति) . रहेलो जंगल विभाग मार्ग पुं.१०९ मृगशिर नक्षत्र
| 'मालक' पुं ११३९ लींबडो । मार्ग पुं ९८३ मार्ग, रस्तो . मालती खी ११४७ चमेली, जाई (मार्ग) पुं १५२ मागशर महिनो | मालतीबीज पुं ९४४ टंकणखार मार्गण पुं ३८८ मागण, याचक मालव पुं ९५६ मालव देव । मार्गण पुं ७७८ बाण . .
माला स्त्री ६५१ पुष्प वगेरेनी माला मार्गणा स्त्री ३१८ (शे. ९५) याचना करवी ते माला स्त्री १४२३ श्रेणि, पंक्ति मार्गशीर्ष पुं१५२ मागसर महिनो मालाकार पुं ९०० माली. मार्गशीर्षी स्त्री १५० मागशर पूनम . मालिक पुं ९०० माली मार्गित न. १४९१ शोधेलु
मालिन् ७(प.) आ शब्द जोडवाथी धारक मार्ज पुं २१६ विष्णु
वाचक शब्द बने छ (जेम के पिनाकमाली) मार्जन पुं ११५९ लोध्र, लोधर मालिनी स्त्री ९७६ चम्पापुरी, भागलपुर मार्जना स्त्री ६३६ साफ करवू ते मालूर पुं ११३५ बीलीनुं झाड