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अभिधानचिन्तामणिनाममाला • २५४
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ |शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ मातुलुङ्ग पुं ११५० बीजोरु
माध्वीक न. ९०३ मदिरा | मात स्त्री २०१ ब्राह्मी आदि सात माता मान पुं न. ३१७ अभिमान, गर्व मातृ स्त्री ५५७ मा, बा
मान पुं न. ५०७ अभिमान, गर्व, स्त्री- धन 'मातृ' स्त्री १२६५ गाय
मानञ्जर पुं २१९ (शे. ६७) विष्णु, कृष्ण मातृमातृ स्त्री २०३ पार्वती
मानव पुं ३३७ मनुष्य मातृमुख पुं ३५२ मूर्ख, मूढ मानवी स्त्री ४५ श्री श्रेयांसनाथ भगवाननी मातृशासित पुं ३५२ मूर्ख, मूड । शासनदेवीमातृष्वसेय पुं ५४५ मासीनो दीकरो | मानवी स्त्री २४० १६ पैकी १२मी विद्या देवी मातृष्वस्त्रीय पुं ५४५ मासीनो दीकरो
मानस न. १३६९ चित्त, मन मात्र न. ६०१ प्रमाण, माप बताववा। मानसी स्त्री २४०.१६ पैकी लगाडवामां आवतो प्रत्यय
१५मी विद्या देवी मात्रा स्त्री १४२७ लेश, अल्प मानसौकस् पुं १३२५ हंस | माद्रेयपुं७१० (शे. १४०) सहदेव, नकुल बन्ने | मानस्तोका स्त्री २०५ (शे. ५४) पार्वती माधव पुं १५३ वैशाख महिनो (मानिनी) स्त्री ५०७ अभिमानवाळी स्त्री माधव पुं २१५ विष्णु
मानुष पुं ३३७ मनुष्य माधवक पुं ९०४ महुडानो दारु मानुष्यक न. १४१६ मनुष्यनो समूह माधवी स्त्री ११४७ माधवी लता | मान्ध न. ४६२ रोग माधवी स्त्री ११७७ पीळी कांग मान्यात पुं ७०० मान्धाता राजा माधवी स्त्री १३६१ (शे. १९९) महातमःप्रभा । माया स्त्री ३७७ माया, लुच्चाई
____नामनी सातमी पृथ्वी | माया स्त्री ७३८ रूप परावर्तन वगेरे माधुमत पुं ९५८ काश्मीर देश माया स्त्री ९२५ इन्द्रजाल वगेरे माया माधव्या स्त्री १३६१ (शे. १९८) तमः प्रभा | मायाकार पुं ९२५ इन्द्रजालिक, बाजीगर
नामनी नरकनी छट्ठी पृथ्वी | मायाविन् पुं ३७७ (शि. २६) शठ, धूर्त माधुर्य न. ५०९ मधुरता - सात सात्त्विक | मायासुत पुं २३७ शाक्यसिंह, बुद्ध
___ अलंकार पैकी चीजो अलंकार | | मायिन् पुं ३७७ ठग, धूर्त माध्यंदिन न. १४६० मध्यम, वचलुं मायिक पुं ३७७ (शि. २६) ठग, धूर्त माध्यम न. १४६० मध्यम, वचलुं | मायु पुं ४६२ पित्त
मायु