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.. शब्दमाला • २५३. शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ मांसपित्त न. ६२६ हाडकुं
|माणव्य न. १४१९ बालकोनो समूह मांसल पुं ४४९ बलवान, पुष्ट माणिक्य न. १०६३ (शि. ९४) रत्न (माणेक) मासिक पुं ९३० कसाई, खाटकी माणिक्या स्त्री १२९८ गरोळी मा स्त्री २२६ लक्ष्मी
माणिबन्ध न. ९४२ (शि. ८३) सैन्धव मा अ. १५३९ नहि
मीढुं माकन्द पुं ११३३ (शि. १०१) आंबो |माणिमन्त न. ९४२ (शि. ८३) सैन्धव माक्षिक न. १०५४ माक्षिक धातु - सुवर्ण
मीदूं माक्षिक वगेरे |माणिमन्थ न. ९४२ सैन्धव मीठं माक्षिक न. १२१४ मध
मातङ्ग पुं ४२ श्री सुपार्श्वनाथ भगवानना मागध पुं ७९५ चारण, स्तुति करनार भाट | शासनदेव मागध पुं ८९८ वैश्य पुरुष अने क्षत्रिय | मातङ्ग ४३ श्री महावीर स्वामी भगवानना
स्त्रीथी उत्पन्न थयेल । | शासनदेव मागधी स्त्री ४२१ पीपर
| मातङ्ग पुं ९३३ चांडाल मागधी स्त्री ११४८ मोगरो
| मातङ्ग पुं १२१७ हाथी (मागधी) स्त्री २८५. मागधी भाषा मातरपितृ पुं (द्वि.व.) ५६० माता-पिता बन्ने माघ पुं १५३ महा महिनो। | मातरिश्चन् पुं ११०७ वायु, पवन माञ्जिष्ठ पुं १३९५ रातो वर्ण । मातलि पुं १७६ इन्द्रनो सारथि माठर पुं १०३. सूर्यनो सेवक देव मातापित पुं (द्वि.व.) ५६० माता-पिता बन्ने माठर पुं ८४६ वेद व्यास ऋषि मातामह पुं ५५७ माताना पिता (नाना) माठि स्त्री ७६६ कवच, बख्तर मातामह पुं (ब.व.) ५५९ माताना वंशमां माठी स्त्री ७६६ कवच, बख्तर
थयेला माढि स्त्री ११२४ पांदडानी नस मातुल पुं ५५२ मामा माणव पुं ६६० सोळ सेरनो हार 'मातुल' पुं ११५१ धत्तुरो (माणव) पुं १९३ नवनिधिमांनो आठमो | मातुलानी स्त्री ५२३ मामी . निधि
मातुलानी स्त्री ११७९ शण, भांग माणवक पुं ८१३ जनोई धारण करनार | मातुली स्त्री ५२३ मामी
बालक (बटुक) | मातुलिङ्ग पुं ११५० (शि. १०४) बीजोरु