SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 279
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला • २४८ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ मयूरक न. १०५२ मोरथुथु मयूरचटक पुं १३२५ (शे. १९२) कूकडो ( मयूररथ ) पुं २०८ कार्तिकेय (शंकरनो पुत्र) मरक पुं ३२५ मरकी, महामारी, सर्वलोक व्यापी मरण मरकत न. १०६४ मरकत मणि मरन्द पुं ११२७ पुष्परस, पराग मराल पुं १३२५ (शे. १९४) हंस मरिच न. ४१९ काळा मरी मरीच न. ४२० ( शे. १०२) काळा मरी 'मर्कटी' स्त्री ११५१ कौवच मरीचि पुं स्त्री ९९ किरण ( मरीचि ) पुं १२४ मरीचि ऋषि शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ ( मरुमरीचिका) स्त्री १०१ मृगतृष्णा ( झांझवाना जळ) मरुल पुं १३४१ बतक पक्षी मरुक पुं १३२० (शे. १८९) मोर मर्क पुं ११०७ (शे. १७२) वायु, पवन मर्कट पुं १९९७ स्थावर विषनी एक जाति मर्कट पुं १२९१ वानर, वांदरो मर्कटक पुं १२११ लूता, करोळीओ मर्कटास्य न. १०४० तांबु (सप्तर्षि पैकी एक) मरीचिका स्त्री १०१ मृगतृष्णा, झांझवाना जळ मरु पुं ९४० पाणी विनानो प्रदेश, मारवाड मरु पुं ९५७ मारवाड़ देश मरुत् (ब.व.) पुं ८९ देव मरुत् पुं ११०६ वायु, पवन मरुत्पथ पुं १६३ आकाश मरुत्पथ पुं ७०७ भीमसेन मरुत्वत् पुं १७४ इन्द्र मरुदेवा स्त्री ३९ ऋषभदेव भगवाननी माता मरुदेवी स्त्री ३९ (शि. ३) श्री ऋषभदेव भगवाननी माता मरुद्रथ पुं ७५२ देवोनो रथ मरुद्रथ पुं १२३३ (शे. १७९) घोडो मरुप्रिय पुं १२५३ ऊंट मर्जिता स्त्री ४०३ ( शि. २८) शीखंड मर्त्य पुं ३३७ मनुष्य मर्त्यमहित पुं ८९ (शे. ४) देव मर्मचरन. ६०३ (शे. १२५) हृदय, अंत:करण मर्मभेदन पुं ७७८ (शे. १४३) बाण मर्मर पुं १४०५ पांदडा वगेरेनो शब्द मर्मराल (ब.व.) पुं ४०० (शे. ९७) पापड, ममरा मर्मस्पृश् पुं ५०१ पीडनार मर्य पुं १२५५ ( शि. १११) ऊंट मर्यादा स्त्री ७४४ न्यायमार्गमां रहेवुं ते मर्यादा स्त्री ९६२ सीमा, हद मर्यादा स्त्री १०७७ समुद्रकांठानी भूमि, किनारो मल न. ६३१ कान वगेरेनो मेल मल पुं. ८५८ देव वगेरेनी पूजामां श्रद्धा विनानो
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy