________________
___
शब्दमाला . २४७ . ।
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ मन्त्रिन् पुं ७१९ अमात्य, मन्त्री मन्दोष्ण पुं १३८६ थोडं उनुं मन्थ पुं १०२३ मन्थन, दंड, रवैयो | मन्द्र पुं१४०२ मनुष्यनी छातीमांथी नीकळतो मन्थदण्डक पुं १०२३ मन्थन, दंड, रवैयो
गंभीर उंडो ध्वनि मन्थनी स्त्री १०२२ गागर, गोली, | मन्द्र पुं १४०९ गंभीर अवाज
दहीं वलोववानी मन्मथ पुं २२७ कामदेव मन्थर पुं ४९५ धीमे चालनार 'मन्मथ' पुं ११५१ कोठ, कोठी मन्थर पुं १४२९ ट्रॅकुं, नीचुं
मन्या (द्वि.व.) स्त्री ५८७ ग्रीवानी पाछला मन्थान पुं १०२३ मंथन, दंड, रवैयो
भागनी बन्ने धमनी-नाडी मन्द पुं १२१ शनि
मन्यु पुं २९९ क्रोध मन्द पुं ३५२ मूर्ख
मन्यु पुं ८२० यज्ञ मन्द पुं ३८४ आळसु
मन्वन्तर न. १६० ७१ दिव्य (देवोना) युगनुं मन्द पुं १२१८ हाथीनी एक जाति । एक मन्वन्तर थाय छे (ते काळ विशेष) मन्दगामिन् पुं ४९५ धीमे चालनार | | मन्वन्तर न. २५२ पुराणना पांच लक्षण मन्दर पुं ६६० आठ सेरनो हार
पैकी चोथु लक्षण मन्दर पुं १०३० मन्दराचल . | 'मपष्टक' पुं ११७४ मठ . मन्दरमणि पुं २०० (शे. ४४) शंकर , | 'मपष्ठ' पुं. ११७४ मठ मन्दरावासा स्त्री २०५ (शे. ५५) पार्वती | 'मपुष्ठ' पुं ११७४ मठ मन्दाकिनी स्त्री १०८१ गंगा नदी 'मपुष्टक' { ११७४ मठ मन्दाक्ष न. ३११ लाज, शरम ममता स्त्री ३१७ अभिमान, गर्व मन्दार पुं १७९ कल्पवृक्ष . .
मय पुं १२५४ ऊंट मन्दार पुं ११४१ कल्पवृक्ष, मीठो लीमडो | 'मयष्टक' पुं ११७४ मठ मन्दिर पुं ६१४ ढींचणनो पाछलो भाग . मयु पुं १९४ किन्नर देव (देवनी एक जाति) मन्दिर स्त्री न. ९९० भवन, हार मयुक पुं १३२० (शे. १८९) मोर मन्दीर न. ६६६ (शे. १३६). झांझर, कल्लु । 'मयुष्टक' पुं ११७४ मठ मन्दुरा स्त्री न. ९९८ घोडा बांधवानी जग्या | मयुष्टक पुं ११७४ मठ मन्दोदरीसुत पुं ७०६ मेघनाद, रावणनो पुत्र | मयूख पुं १०० किरण
. इन्द्रजित - | मयूर पुं १३१९ मोर