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________________ शब्दमाला शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ मधुक्रम (ब.व.) पुं* ९०६ मद्य पीवानी पद्धति, वाराफरती पीवुं ते मधुघोष पुं १३२१ ( शे. १९० ) कोयल मधुज्येष्ठन. ४०४ ( शे. १००) तरत दोहेलुं दूध मधुदीप पुं २२७ कामदेव मधुद्रुम पुं ११४१ महुडो . मधूलि पुं ४०३ खांड (मधुप ) पुं १२१३ भमरो मधुपर्क न. ८३३ दहीं साथे • २४५ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ (मधुसुहृत्) पुं २२९ कामदेव मधुसूदनी स्त्री ११८६ पालखानी भाजी मधुस्रवा स्त्री ११८५ मीठी खरखोडी, हिरणदेडी मधूक पुं १९४१ महुडो मधूच्छिष्ट न. १२९४ मीण मधूपध्न न. ९७८ मथुरा नगरी ( मधूल) पुं १३८८ मधुर रस मधूलक पुं १३८८ मधुर रस मध्य न. २९२ मध्यम गति वाळा (नृत्य) मध्य पुं न. ६०७ शरीरनो वचलो भाग मिश्रित करेलुं मध 'मधुपर्णिका' स्त्री ११४३ सीवणनुं वृक्ष मधुपर्णी स्त्री ११५७ गळो मधुमक्षिका स्त्री १२१३ मधमाखी (मधुमथन) पुं २२१ विष्णु मधुर पुं १३८८ मधुर रस (गळ्युं ) मधुर न. १४४५ सुंदर, मनोहर 'मधुरसा' स्त्री १९५६ दराख मधुरा स्त्री ९७८ मथुरा नगरी मध्यन्दिन न. मधुरा स्त्री ४१६ ( शे. १०१) कांजी, राब मध्यन्दिन न. (मधुलिह् ) पुं १२१३ भमरो मधुवार (ब.व.) पुं ९०६ मद्य पीवानी मध्य न. ८७४ दश अन्त्य प्रमाण मध्यं पुं १४०२ कंठमांथी नकळतो अवाज मध्य न. १४६० अन्तर, अवकाश मध्यदेश पुं ९५१ हिमाचल अने 'विंध्याचल वच्चेनो देश १३९ मध्याह्न, बपोर १४६० ( शि. १३१) अंतर, अवकाश, वचलुं ६०७ शरीरनो वचलो भाग ६९० एक देशनो अधिपति हिमाचल अने विंध्याचल वच्चेनो देश मध्यम पुं १४०१ मध्यम स्वर (क्रौंच पक्षी मध्यम पुं न. मध्यम पुं न. मध्यम पुं ९५१ पद्धति, वाराफरती पीवुं ते (मधुब्रत ) पुं १२१३ भमरो मधुष्ठील पुं ११५ महुडो ( मघुसख) पुं ९ (प.) कामदेव मधुसारथि पुं २२७ कामदेव जेवो अवाज ) मधुसिक्थक पुं ११९८ वनस्पतिजन्य स्थावर विष मध्यम न. १४६० मध्यम, वचलुं
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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