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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . २४४ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोकः/ अर्थ मथन पुं २२८ (शे. ७९) कामदेव मद्य न. ९०२ मदिरा मथित न. ४०९ पाणी विना मथेलं दहीं | मद्यपङ्क पुं ९०४ मद्यनो नीचलो भाग, मथिन् पुं १०२३ रवैयो मन्थन दंड
मद्यनो कादव मथुरा स्त्री ९७८ मथुरानगरी
मद्यपाशन न. ९०७ मदिरा पीवानी प्रीति मद पुं ३१२ संमोहमिश्र आनंद उत्पन्न करे तेवो लक्ष्य पदार्थ मद पुं १२२३ हाथीना गंडस्थलमांथी | मद्यबीज न. ९०५. सुराबीज (जेमांथी झरतुं पाणी .
मदिरा बने ते) मदकल पुं १२२१ घणा मदवाळो हाथी मद्यमण्ड पुं ९०५ मद्यनी तर मदकोहल पुं. १२५९ सांढ
मद्यसन्धान न. ९०५ मदिरा मदन पुं २२७ कामदेव
.. बनाववानी क्रिया मदन पुं ११७१ अडद
मद्र न. ८६ कल्याण, शुभ (मदन) न. १२१४ मीण
मद्र पुं १४०९ (शि. १२७) गंभीर अवाज 'मदन' पुं ११५१ धतुरो
मधु पुं १५३ चैत्र महिनो. मदननालिका स्त्री ५२९ (शे. ११२) | मधु पुं २१९ कृष्णनो शत्रु
कुलटा स्त्री . | मधु पुं २२९ कामनो मित्र (चैत्रमास) मदना स्त्री ९०३ मदिरा
मधु पुं ६९९ चोथा प्रतिवासुदेव मदशौण्डक न. ६४३ (शे. १३२) जायफल | मधु पुं न. ९०२ मदिरा मदाम्बर पुं १७७ (शे. ३५) इन्द्रनो हाथी, | मधु न. ११२६ पुष्परस
ऐरावण मधु न. १२१३ मध, भमरानुं भोजन मदिरा स्त्री ९०२ मदिरा
मधु न. १२१४ मध मदिरागृह न. १००१ दारु पीवान स्थान | 'मधु' पुं ११८५ मीठी खरखोडी मदिष्ठा स्त्री ९०२ मदिरा
मधुक न. १०४२ (शे. १६१) सीसु, कलई मदोत्कट पुं १२२१ घणा मदवाळो हाथी | 'मधुक' पुं ११४१ महुडो मदोल्लापिन् पुं १३२१ (शे. १९०) कोयल | मधुकण्ठ पुं १३२१ (शे. १९०) कोयल मद् पुं १३२३ पाणीनो कागडो मधुकर पुं १२१२ (शि. १०९) भमरो मद्गुर पुं १३४७ शींगडावाळो मच्छ मधुका स्त्री ११७७ काळी कांग मद्गुरप्रि स्त्री १३४७ मद्गुर मच्छनी प्रिया | मधुकृत् पुं १२१२ भमरो