________________
अभिधानचिन्तामणिनाममाला . २४२ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ |शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ मङ्गला स्त्री ३९ सुमतिनाथ भ. नी माता | मञ्जीर पुं६६६ झांझर, कलु मङ्गलान्हिक न. ५१८ (शे. १०९) विवाहमां | मञ्जीर पुं १०२३ रवैयो, बांधवानो खीलो मांगलिक दिवसे कलश भरी कराती शुभ किया | मञ्जु न. १४४४ मनोहर, सुंदर मङ्गल्य न. ४०६ (शे. ११०) दही, गोरस | मञ्जुल न. १४४४ मनोहर, सुंदर मङ्गल्यक पुं ११७० मसुर
मञ्जूषा स्त्री १०१५ पेटी (एक जातनुं अनाज). मठ पुं ९९४. विद्यार्थी के व्रतीओनुं रहेठाण मङ्गल्या स्त्री ६४० मोगराना वी । मडूडु पुं २९४ (शे. ८८) वाजिबनो सुगंधीवाळो अगर
एक प्रकार मङ्गिनी स्त्री ८७६ नौका, नाव मणि पुं स्त्री ५९१ कांडु, हाथ अने मङ्गिनीशिरस् न. ८७८ वहाणनो अग्रभाग
. प्रकोष्ठनो संधिभाग मचर्चिका स्त्री १४४१ आ शब्द उत्तर पदमां | मणि पुं स्त्री ६११ गुह्यनो मध्यभाग जोडवाथी प्रशंसा वाचक बने छ जेमके | मणि पुं स्त्री १०६३ रन गोमचचिका
मणिक पुं १०२२ मोटो घडो मज्जकृत् न. ६२५ हाडकुं
मणिकण्ठक पुं १३२५ (शे. १९३) कुकडो मज्जन् पुं ६२८ हाडकानी चरबी मणिकार पुं ९१० झवेरी मज्जन् पुं ११२१ वृक्षादिनुं सत्व, गर्भ | | मणित न. १४०८ रतिकाळे थतो अव्यक्त अवाज मज्जसमुद्भव न. ६२९ वीर्य
मणिबन्ध पुं ५९१ हाथनो कांडो मज्जा स्त्री ६१९ मज्जा (शरीरमां सात धातु | | मणीवक न. ११२५ फूल
पैकी एक धातु) (मण्ठ) पुं ७६२ महावत मज्जा स्त्री ६२८ हाडकानी चरबी । | मण्ड पुं न: ३९६ भात वगेरेनुं ओसामण 'मज्जा' स्त्री ११२१ वृक्षादिनुं सत्त्व, गर्भ 'मण्ड' पुं ११५० एरंडो मञ्च पुं ६८३ खाटलो, पलंग मण्डन पु ३८९ शोभावनार मञ्चक पुं न. ६८३ खाटलो, पलंग | मण्डन न. ६३६ शणगार, अलंकार मञ्जरी स्त्री ११२२ मंजरी
मण्डप पुं १००३ मांडवो मञ्जरी स्त्री ११२२ मंजरी
मण्डल न. त्रि. १०१ सूर्य-चंद्रनी चारे बाजु मजा स्त्री ११२२ मंजरी
रहेलुं गोळाकार तेज मञ्जा स्त्री १२७५ बकरी . | मण्डल न. १०७ चंद्रनुं बिंब