________________
शब्दमाला • २२७ .
शासनदेवी
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ |शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ बभ्रु पुं १३०२ नोळियो
बल न. ७४५ सैन्य . बभ्रु पुं १३९७ लालमिश्रित पीळो वर्ण | बल पुं न. ७९६ पराक्रम (बर्कर) पुं १२७६ युवान बकरो | बलदेव पुं २२५ बलदेव, कृष्णना मोटा भाइ बर्बर पुं ९३२ पामर, नीच |
बलदेवस्वस स्त्री २०५ (शे. ६९) पार्वती बर्बरी स्त्री ५७० (शे. ११९) केश रचना, | (बलद्विष्) पुं १७५ इन्द्र .
अंबोडो बलभद्र पुं २२५ बलदेव, कृष्णना मोटा भाइ बह पुं न. ११२३ पत्र, पांद९ | बलवत् अ. १५३५ अतिशय, घj बह पुं न. १३२० मोरनुं पीछ (बलवत्) पुं ४४९ बलवान, पुष्ट बर्हिःशुष्मन् पुं १०९९ अग्नि ... बलहीनता स्त्री ३१९ ग्लानि, बलहीनपणुं बहिण पुं १३१९ मोर
बला स्त्री ४५ श्री कुंथुनाथ भगवाननी बहिध्वजा स्त्री २०५ (शे. ४०) पार्वती बर्हिन् पुं १३२० (शि. ११७) मोर | बलाक पुं १३३३ बगलानी एक बात बर्हिज्योतिष् पुं १०९९ अग्नि बलाका स्त्री १३३३ बगली बर्हिर्मुख पुं ८८ देव
बलाङ्गक पुं १५६ वसंत ऋतु बहिर्मुष्टि पुं ८३५ दर्भर्नु आसन बलाट पुं ११७२ मग (बर्हिरुत्क) पुं ११०० अग्नि | बलात्कार पुं ८०४ बलात्कार, जुलम बहिरुत्य पुं ११०० (शि. ९९) अग्नि | बलाश पुं ४६२ कफ बहिष् न. ८२० यज्ञ
बलाहक पुं.१६४ मेघ, वादळ बर्हिष् पुं न. ११९२ दर्भ, दाभ बलाहक पुं १६४ मेघ, वादळ बहिष पुं११०० (शि: ९९) अग्नि बलाहक पुं १३११ एक प्रकारनो नाग 'बहिष्ठ' न. ११५८ सुगंधीवाळो बलाहक पुं १३३३ बगलानी एक जात बल पुं १७४ इन्द्रनो शत्रु
बलि पुं २२१ विष्णुनो वध्य राक्षस बल पुं २२४ बलदेव
बलि पुं स्त्री ४४७ बलिदान बल न. ६२९ वीर्य, शुक्र
बलि पुं ६९९ छट्ठा प्रतिवासुदेव बल पुं ६९७ बलदेव
बलि पुं स्त्री ७४५ महेसूल, कर बल न. ७१४ लश्कर, राज्यना सात अंग | बलि पुं स्त्री ८२२ भूतयज्ञ, बलिदान
पैकी सातमु अंग .. । बलि पुं २९४ (शे. ८६) झालर, घंटडी