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________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला • २२६ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ फेन पुं १०७७ समुद्र फेण फेनिल पुं ११३८ अरीठानुं झाड फेरण्ड पुं १२८९ शियाळ फेरव पुं १२८९ शियाळ फेरु पुं १२८९ शियाळ फेला स्त्री ४२७ एठु, जमतां वधेलुं फेलि स्त्री ४२७ एठु, जमतां वधेलुं ● ब● बक पुं १३३२ बंगलो बकनिषूदन पुं ७०८ भीम बकुल पुं ११३५ बोरसली बरु स्त्री १३३३ ( शि. १२०) बगली बकेरुका स्त्री १३३३ ( शि. १२०) बगली, बकोट पुं १३३२ बगलो बङ्ग पुं ९५७ बंगालदेश 'बदरा' स्त्री ११३९- कपासनो छोड (बटु) पुं ८१३ बटुक, जनोइ धारण भाट, चारण् शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ बन्ध पुं ५६४ शरीर बन्दी स्त्री ८०६ केदी बन्धक पुं ८८२ लेणदारने घेर गीरवे मूकेल वस्तु बन्धकी स्त्री ५२८ असती, कुलटा स्त्री बन्धन न. ४३९ बन्धन बन्धन नः १२७४ दामण, पशुओने बांधवानुं दोरडुं बन्धनग्रन्थि पुं ९३१ मृगादि बांधवा माटेनी गांठ, पाश, जाळ बन्धु पुं ५३१ स्वजन 'बन्धुक' पुं ११४९ बपोरीयो बन्धुजीवक पुं १९४९ बपोरीयानुं झाड बन्धुता स्त्री १४२२ बंधुओनो समूह बन्धुदा स्त्री ५२९ ( शे. ११२) असती कुलटा स्त्री बन्धुर न. १४४४ सुंदर, मनोहर बन्धुर न. १४६८ करनार बालक 'बडिश' स्त्री न. ९२९ माछला पकडवानो आंकडो, गरल बदरी स्त्री ११३८ बोरडी बदरीवासा स्त्री २०५ (से. ५१) पार्वती 'बन्धूर' न. १४६८ स्वाभाविक ऊंचं परंतु बद्ध पुं ४३८ केदी, बंधायेल उपाधिवश कंइक नमेलुं बधिर पुं ४५४ बहेरो बन्ध्य न. १५१६ व्यर्थ, निष्फल बन्दिन् पुं ७९४ स्तुति मंगल पाठ बोलनार बप्पीह पुं १३२९ चातक पक्षी स्वाभाविक ऊंचं परंतु उपाधिवश कंइक नमेलुं बन्धुल पुं ५४८ व्यभिचारिणी स्त्रीनो पुत्र बन्धुक पुं १९४९ बपोरीयानुं झाड 'बन्धूकपुष्प' पुं ११४४ असन वृक्ष २२७ विष्णु बघु पुं ४५३ टालीओ
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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