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शब्दमाला . २२३. शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ प्राश्निक पुं८८२ (शे. १५४) साक्षी | प्रियतमा स्त्री ८ (प.) आ शब्द लगाडतां (प्रमाणिक पुरुष)
पत्रीवाचक नाम थाय छे प्रावृष् स्त्री १५७ वर्षा ऋतु, श्रावण भादरवो | प्रियदर्शन पुं १३३५ (शे. १९५) पोपट मास
प्रियप्राय न. २६४ खुशामत, मिथ्या वखाण 'प्रावृषायणी' स्त्री ११५१ कौवच
करवां ते प्रास पुं ७८५ भालो
प्रियमधु पुं २२४ बळदेव प्रासक पुं ४८६ जुगारना पासा प्रियंवद पुं ३५१ प्रिय बोलनार प्रासङ्ग पुं७५७ जोतर, नवा वाछरडा माटेनी धूसरी | प्रियंवद पुं ३५१ (शि. २३) प्रियवादी, प्रासङ्ग्य पुं १२६१ धोंसरी खेंचनार बळद
दाता प्रासाद पुं ९९३ देव मंदिर, राजानो महेल | प्रियवाच् पुं ३५१ (शि. २३) प्रियवादी, प्रासिक पुं ७७० भालावाळो
दाता (प्राहारिक) पुं ७६३ पहेरगीर, सैनिक' | प्रियवादिका स्त्री २९४ (शे. ८७) मंगल प्राणे अ. १३७ प्रभातकाळ
वाजींत्र प्रिय पुं ८(प.) आ शब्द लगाडवाथी | प्रियसत्य न. २६४ सत्य अने प्रिय वचन
पतिवाचक शब्द बने छे. प्रिया स्त्री. ५१५ वहाली, पत्नी प्रिय वि. १४४५ सुन्दर, मनोहर , प्रियाल पुं ११४२ (शि. १०२) चारोडीनुं (प्रिय) पुं ५१६ पति
झाड प्रियक पुं ११४४ असन वृक्ष, जीवक प्रीणन न. १५०२ खुश करवू, तृप्ति 'प्रियक' पुं ११३८ कदंब
| प्रीति स्त्री ३१६ आनन्द, मननी प्रसन्नता 'प्रियक' पुं ११९४ कांग ।
| प्रीति स्खी १३७७ प्रेम, स्नेह 'प्रियक' पुं १२९४ एक प्रकारनी | प्रीतिद पुं ३३१ विदूषक
- हरणनी जात . पुष्ट पुं १४८६ बळेलुं . (प्रियङ्कर) पुं ९४ ८मा अवेयक देव प्रेक्षा स्त्री ३०९ मति, बुद्धि प्रियङ्गु स्त्री ११७ सुगंधी घऊलो प्रेजा स्त्री ७५८ हीचको, डोळी प्रियङ्गु स्त्री. १९७६ कांग, एक जातनुं | प्रेशन स्त्री १४८१ हीडोळो
- हलकुं धान्य प्रेलित न. १४८० हलावेलं, कंपेलु प्रियङ्गु न. ६४५ (शे. १३३) केशर | प्रेोलन न. १४८१ हीडोळो