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न अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १८८ . . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ (पत्राङ्गुलि) स्त्री ६५५ स्त्रीओना गाल स्तन | (पदवी) स्त्री ९८३ मार्ग, रस्तो
उपर कस्तुरी वि. थी करेली वेलनी रचना | पदवी स्त्री ९८३ मार्ग, रस्तो पत्रागुली स्त्री ६५५ स्त्रीओना गाल स्तन | (पदाजि) पुं ४९८ पगे चालनार, पाळो
उपर कस्तूरी वि. थी करेली वेलनी रचना | पदाति पुं ४९७ पगे चालनार, पाळो . पत्रिन् पुं ७७८ बाण
पदातिक पुं ४९७ पगे चालनार, पाळो पत्रिन् पुं १३३४ श्येन पक्षी, बाज पक्षी, | पदायता स्त्री ९१५ (शे. १५६) पगरखां, सींचाणो .
जोडा पत्रिन् पुं १३१७ पक्षी . | पदासन न. ७१८ पग मूकवानो बाजोठ पत्रोर्ण न. ६६७ कोशेटानी - पदिक पुं ४९८ पगे चालनार, पाळो
लाळ, रेशमी वस्त्र पद्न पुं ४९७ पगे चालनार, पाळो 'पथ' पुं ९८३ रस्तो
पद्धति स्त्री २५७ ग्रन्थनो अमुक भाग पथिक पुं ४९३ मुसाफर .
पद्धति स्त्री ९८३ मार्ग, रस्तो (पथिकसार्थ ) पुं ४९३ मुसाफरनो समुदाय | पद्म पुं १९३ नव निधि पैकी बीजो निधि पथिन् पुं ९८३ मार्ग, रस्तो पद्म पुं ६९३ ९मा चक्रवर्ती पथ्या स्त्री ११४६ हरडे
पद्म पुं ६९८ ८मा बळदेव पद् पुं ६१६ (शि. ४८) पग
| पद्म पुं न. ११६० कमळ पद न. २४२ पद, स्यादिना अंतवाळो । | पद्म न. १२२९ हाथीना शरीर उपर
कोईपण शब्द ते पद कहेवाय छे । जुवानीमां थता राता बिंदुओ पद पुं न. ६१६ पग
| पद्म पुं १५७ (शे. २६) ग्रीष्म ऋतु, जेठ पद न. ९८८ स्थान ।
____अने अषाढ महिनो पदग पुं ४९८ (शे. १०८) पगे चालनार, | 'पद्मक' न. १२२९ हाथीना शरीर उपर
| जुवानीमां थता राता बिंदुओ पदत्वरा स्त्री ९१५ (शे. १५५) पगरखां, | पद्मगर्भ पुं २१९ (शे. ७३) विष्णु, कृष्ण
जोडा, बूट | पद्मनाभ पुं ५३ आवती चोवीशीना प्रथम पदभञ्जन न. २५४ पदोनो विभाग करवो ते
तीर्थंकर पदभञ्जिका स्त्री २५६ कठिन पदोने स्पष्ट | पद्मनाभ { २१५ विष्णु, कृष्ण
करी अर्थ करवो ते | पद्मनाल न. ११६५ कमळनी नाळ
पाळो