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शब्दमाला . १८९
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ · शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ पद्मप्रभ पुं २६ छटूठा तीर्थंकर श्रीपद्मप्रभ | पयस् न. ४०४ दूध (पद्मपाणि) पुं ९६ सूर्य
| पयस् न. १०६९ पाणी (पद्मबन्धु) पुं ९६ सूर्य
पयस्य न. ४०५ घी, दही, माखण वगेरे पद्मभू पुं २१३ ब्रह्मा
पयस्या स्त्री ८३१ गरम दूधमां नाखेलुं दहीं पद्मराग पुं न. १०६४ पद्मराग मणि, माणेक | पयोधर पुं (द्वि. व.) ६०३ स्तन पद्मवासा स्त्री २२६ लक्ष्मी
पर पुं ७२८ शत्रु पद्महास पुं २१९ (शे. ७३) विष्णु, कृष्ण | पर न. १४३९ मुख्य, प्रधान पद्या स्त्री ४० वीशमा तीर्थकरनी पर न. १४५२ दूर मातानुं नाम
परःशत पुं १४२५ सोथी वधारे पद्या स्त्री २२६ लक्ष्मी
(परःसहस्त्र) पुं १४२५ हजारथी वधारे पद्माकर पुं १०९४ तळाव
परच्छन्द पुं ३५६ परतंत्र, पराधीन 'पद्माट' पुं ११५८ कुंवाडियो परजात पुं ३६१ चाकर पद्मावती स्त्री ४६. श्री पार्श्वनाथ भ.नी | परञ्जन पुं १८८ वरुण देवता, जल देवता
शासन देवता | परतन्त्र पुं ३५६ पराधीन पद्मिन् पुं १२१८ (शे. १७५) हाथी. | परपिण्डाद पुं ३६१ चाकर 'पद्मिनी' स्त्री ११६० कमलनो वेलो परपुष्ट पुं १३२१ (शे. ११७) कोयल (पद्मिनीश) पुं ९७ सूर्य .. परमब्रह्मचारिणीस्त्री २०५ (शे.५०) पार्वती पोशय पुं २१५ विष्णु, कृष्ण परभाग पुं १३७५ गुणोनुं उत्कृष्टपणुं, पद्मोत्तरात्मज पुं ६९३ ९मा चक्रहवर्ती
उत्कर्ष पद्य पुं ८९४ शूद्र .
परभृत पुं १३२१ कोयल पद्या स्त्री ९८३ मार्ग,. रस्तो
'परभृत' पुं १३२२ कागडो पन्न न. १४९१ पडी गयेलु, गळेलु परमद पु ६४० (शे. १३२) अगरु, अगर .पन्नग पुं १३०४ सर्प
परमम् अ. १५४० हा, स्वीकार जणावनार पन्नद्धा स्त्री ९१४ पगरखां, जोडा .
अव्यय पपी पुं ९८ (शे. ९) सूर्य
परमरस पुं ४०९ (शे. १०१) पा भागना (पयःपयस्) पुं १०७५ दूध सागर,
पाणी वाळु दहीं क्षीर सागर । परमान्न न. ४०६ दूधपाक, खीर