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शब्दमाला . १८५
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ .. शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ पक्षिणी पुं १४४ वर्तमान अने आगामी | पञ्चत्व न. ३२४ मृत्यु
दिवसनी वचली रात | पञ्चदशी (द्वि.व) स्त्री १४८ पूनम-अमास पक्षिमृगगत्यनुहारक न. १२४८ घोडानी |
(बन्ने) ठेकडा मारती गति, पक्षी अने मृगना जेवी गति | | 'पञ्चनख' पुं १२८५ सिंह पक्षिलस्वामिन् पुं ८५४ वात्स्यायन मुनि (पञ्चबाण) पुं २२९ कामदेव पक्षिसिंह पुं २३१ (शे. ८०) गरुड पक्षी | | (पञ्चबाण) पुं १६ (प.) कामदेव पक्षिस्वामिन् पुं २३१ (शे. ८०) गरुड पक्षी | पञ्चभद्र पुं ४३४ द्यूतादिकनो व्यसनी पक्ष्मन् पुं न. ५८० आंखनी पांपण पञ्चभद्र पुं १२३६ पंचकल्याणी घोडो पङ्क पु न. १०९० कादव
पञ्चम पुं १४०१ सात स्वरोमांनो पांचमो पूकू पुं न. १३८१ पाप, दुष्कृत्य -
स्वर पडूक्रीडनक पुं १२८८ (शे. १८६) भंड | पञ्चमुख पुं १९६ शंकर पडूज न. ११६२ कमळ
पञ्चतयज्ञपरिभ्रष्ट पुं ८५९ ब्रह्मयज्ञ वगेरे पङ्कजन्मन् न. ११६२ कमळ ।
· पांच यज्ञथी भ्रष्ट थयेल पजिनी स्त्री ११६० कमळनो वेलो पञ्चलोह न. १०५० तांबु वगेरे पांच धातु पडप्रभा स्त्री. १३६० ४थी नरकनी पृथ्वी | पञ्चशाख पुं ५९१ हाथनो पंजो पकरुह् न. ११६२ कमळ
| पञ्चशिख पुं १२८४ सिंह पङ्करुह न. ११६२ कमळ
पञ्चाङ्गगुप्त पुं १३५३ काचबो पङ्क्ति स्त्री १४२३ श्रेणि, ओळी | पञ्चाङ्गी स्त्री .१२५१ लगाम, चोकहूं (पङ्क्ती) स्त्री १४२३ श्रेणि, ओळी पञ्चाङ्गुल पुं ११५० एरंडो पङ्गु ४५२ पांगळो
पञ्चाचिष् पुं ११७ बुध, ग्रह पङ्गु पुं १२१ (शे. १५) शनि ग्रह । पञ्चास्य पुं १२८४ सिंह पगुल पुं १२४३ सफेद काच जेवो घोडो | पञ्चेषु पुं १६ (प.) कामदेव पङ्गुल पुं ४५२ (शे. १०५) पांगळो । पञ्जिका स्त्री २५६ कठिन पदीने स्पष्ट करी पज्ज पु ८९४ शूद्र
अर्थ करवो ते (लघुटीका) पञ्चकृत्वस् अ. १५४२ (शे. २०६) पांचवार | पट त्रि. ६६७ वस्त्र पञ्चजन पुं. ३३७ मनुष्य .. | 'पट' पुं ११४२ चारोली, झाड पञ्चज्ञान पुं २३३ बुद्ध, सुगत । पटकुटी स्त्री ६८१ रावटी, वस्त्रनुं नाचें घर