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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १८४
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक./ अर्थ नैरयिक पुं १३५८ (शि. १२२) नारकी न्यास पुं ८७० थापण नेत पुं १६९ नैर्ऋत दिशानो स्वामी (न्यास) पुं २५६ कठिन पदोने स्पष्ट करी नैर्ऋत पुं १८८ राक्षस
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अर्थ करवो ते (नैर्ऋती) स्त्री १६९ नैर्ऋत दिशा | न्यासार्पण न. ८७०. थापण पाछी आपवी नैश्चिन्त्य न. ७५ (शे. २) मोक्ष न्युज पुं ४५३ (शि. ३२) कुबडो नैष्किक पुं ७२३ दीनार रूपा न्युब्ज पुं ४५७ (शे. १०६) नीचा मुख वाळो नाणानो अधिकारी
..प .. (नैसर्प) पुं १९३ नवनिधि पैकी प पुं ७(प.) आ शब्द लगाडवाथी खानार पहेलो निधि
' वाचक शब्द बने छे. नैस्त्रिंशिक पुं ७७१ तलवारवाळो पक्क न. ४१२ पाकी गयेखें, नो अ. १५३९ नहि, अभाव, निषेध
__ पाणीथी रांधेलुं अन्न नौ स्त्री ८७६ नाव, वहाण - | पक्क न. १४८५ पाकेलं. नौकादण्ड पुं ८७७ हलेसुं,
पक्षण पुं न. १००२ भीलोनुं रहेठाण नाव चलावनारनो दंड | पक्ष पुं १४७-१५ दिवस, पखवाडियुं न्यक्कार पुं ४४१ तिरस्कार, पराभव . | पक्ष पुं ७८१ बाणना पुखमां रहेल गीध न्यक्कृत पुं ४४० धिक्कारायेलो
आदिनां पीछां न्यक्ष पुं १४३३ समस्त, बधुं | पक्ष पुं १३१८ पक्षीनी चांच न्यग्रोध ६०० वाम, बन्ने हाथ आडा पक्षक पुं १००७ खडकीतुं द्वार, खडकी
___ लांबा करे एटली लंबाई | पक्षति स्त्री १४७ पडवो (तिथि) न्यग्रोध पुं ११३२ वड
पक्षति स्त्री १३१८ पांखनुं मूळ न्य कु पुं १२९३ हरणनी एक जात । पक्षद्वार न. १००७ खडकी, द्वार न्यञ्च् पुं १४२९ ढूंकुं, नीचुं पक्षभाग पुं १२२८ हाथीना पडखानो भाग न्यञ्चित न. १४८२ नीचे फेंकेलं | पक्षमूल न. १६१८ पांखनुं मूळ न्याद पुं ४२३ भोजन, खावं ते . पक्षान्त (द्वि.व) पुं १४८ पूनम, अमास (बन्ने) न्याय पुं ७४२ न्याय, नीति
पक्षिन् पुं १३१६ पक्षी न्यायद्रष्टक पुं ७१९ (शे. १४१) न्यायाधीश | (पक्षिन्) पुं १४४ वर्तमान अने आगली न्याय्य न. ७४३ न्याययुक्त, वाजबी
रातनी वच्चेनो दिवस