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नवू पांदडुं
अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १७२ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ नरकीलक पुं ८५८ गुरुने हणनार नवत न. ६८० झूल, हाथी के रथ उपर नरदत्ता स्त्री ४६-२०मा तीर्थंकरनी यक्षिणी . नाखवा, वस्त्र नरदत्ता स्त्री २३९-१६ विद्यादेवी पैकी (नवदल) न. ११६६ कमळ आदिनुं
छट्ठी देवी (नरपाल) पुं ३९० राजा
नवनीत नः ४०८ माखण नरमालिनी स्त्री ५३१ दाढी मूछवाळी स्त्री | (नवमल्लिका) स्त्री २२९ कामदेवना नरविष्णव पुं १८८ (शे. ३७) राक्षस
पांच बाणमांनु एक नरवाहन पुं १८९ कुबेर देव. 'नवमल्लिका' स्त्री ११४८ बटमोगरो। नराधार पुं २०० (शे. ४६) शंकर, महादेव | नवमालिका स्त्री ११४८ बटमोगरो नरायण पुं २१४ विष्णु, कृष्ण नवव्यूह पुं २१९ (शे. ६६) विष्णु, कृष्ण नर्कुटक न. ५८१ नाक
नवशक्ति पुं २०० (शे. ४४) शंकर नर्तन न. २८० नृत्य, नाच
| नवशक्ति पुं २१९ (शे. ६६) विष्णु, कृष्ण नर्मदा स्त्री १०८३ नर्मदा नदी नवशक्ति पुं १६ प. शंभु. नर्मन् न. ५५५ क्रीडा, रमत | नवसूतिका स्त्री १२६७ नवी प्रसवेली गाय (नल) पुं ११९३ बरू (घास) . |नवार्चिष् पुं ११७ मंगळ ग्रह नलक न. ६२७ नळी जेवू हाडकुं | नवीन न. १४४८ नवं नलकिनी स्त्री ६१४ जंघा, जांघ, पगनी | नवोद्धत न. ४०८ माखण
घूटीथी घूटण सुधीनो भाग | नव्य न. १४४८ नवें। नलकील पुं ६१४ चूंटण, ढींचण, साथळनी | | नशन न. ८०२ (शे. ७०) पलायन, नासी जर्बु गांठ
नष्ट पुं. ८०५ नासी गयेलो नलकुबर पुं १९१ कुबेरनो पुत्र | नष्टबीज पुं ४९२ वीर्यरहित, सत्त्वरहित 'नलद' न. ११५८ काळा वाळानुं मूळ | नष्टाग्नि पुं ८५५ अग्निहोत्रनो अग्नि जेनो नलमीन पुं १३४६ तृणचारी मच्छ
ओलवाई गयो छे तेवो ब्राह्मण नलिन पुं न. ११६० कमल
| नसा स्त्री ५८१ (शे. १२१) नासिका, नाक नलिन न. १०७० (शे. १६५) पाणी, | (नसा) स्त्री ६३१ नस, स्नायु, सर्वसंधिना नलिनी स्त्री ११६० कमलनो वेलो
बंधन रूप स्नायु नव न. १४४८ नवं
| नस्तित पुं १२६० नाकमां नाथेलो बळद