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शब्दमाला . १७३
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ 'नस्तोत' पुं १२६० नाकमां नाथेलो बळद | नागाधिप पुं १३०७ शेषनाग वस्या स्त्री ५८१ (शे, १२१) नासिका, नाक | नागोद न. ७६८ पेटनुं बख्तर नस्योत पुं १२६० नाकमां नाथेलो बळद | नाचिकेत पुं ११०० (शे. १७०) अग्नि महि अ. १५३९ अभाव - निषेध दर्शक | नाटक न. २८४ नाट्य प्रबंधनो प्रकार नाक पुं न. ८७ स्वर्ग, देवलोक नाटिका स्त्री ६३१ (शि. ४९) नाडी माकिन् पुं ८८ देव
(नाटेय) पुं ५४८ नटीनो पुत्र माकु पुं ९७१ राफडो
नाटेर पुं ५४८ नटीनो पुत्र (नाकेश) पुं १७३ इन्द्र
नाट्य पुं न. २७९ गीत, नृत्य, नाग पुं न. १०४१ सीसुं
वाजिंत्र युक्त नाट्य माग पुं १२१७ हाथी
नाट्य न. २८० नृत्य नाग पुं १३०७ देवयोनिवाळो सर्प
नाट्यधर्मिका स्त्री २७९ भरतादि शास्त्रना नाग पुं १३५१ ग्राह, झंड
__ आधारे गीत, नृत्य नाग पुं १४४० आ शब्द जोडवाथी प्रसंसा | नाट्यप्रिय पुं १९८ शंकर
वाचक शब्द बने छे नाडि स्त्री ६३१ (शि. ४९) नाडी नागकुमार पुं ९० भवनपतिना १० देव | नाडिका स्त्री १३७ घडी, छ क्षण प्रमाण
पैकी बीजा देव .. नाडिंधम पुं ९०८ सोनी नागज न. १०४२ कलई, सीसुं नाडी स्त्री ६३१ नाडी नागज न. १०६१ सिन्दूर
'नाडी'स्त्री ११८२ अनाजना छोड़नो दांडो, सांठो नागजिह्विका स्त्री १०६० मणसील धातु नाडीचरण पुं १३१७ (शे. १८८) पक्षी नागजीवन न. १०४२ कलई, सीसुं। नाडीविग्रह पुं २१० शंकरनो भंगीगण । नागदन्त पुं १०११ खींटी, टोल्लो नाडीव्रण पुं ४७० लोही झरतुं व्रण, नासुर नागमातृ स्त्री १०६० मणसील धातु नाथ पुं.३५९ स्वामी, नायक नागर न. ४२० सूंठ
नाथवत् पुं ३५६ परवश, पराधीन नागरक्त न. १०६१ सिन्दूर . नाद पुं १४०० शब्द, अवाज नागरङ्ग पुं ११४३ नारंगीन झाड नाना (अ.) १५२७ सिवाय, विना नागलोक पुं १३६३ पाताल
(नाना प्रकार) न. १४४९ बहुविध, नागवल्ली स्त्री ११५५ नागरवेल
अनेक प्रकार