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________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला • १३२ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द/ लिंग / श्लोक / अर्थ जानकी स्त्री ७०३ सीता | जालन्धर पुं (ब.व.) ९५८ त्रिगत देश जानि स्त्री ५५८ (शे. ११७) माता ___(लाहोर प्रांतनो एक देश) जानु पुं६१४ साथळनी गांठ, ढींचण, चूंटण | जालप्राया स्त्री ७६९ लोखंडनुं बख्तर जानुदन न. ६०१ ढींचण प्रमाण | जालिक पुं ३७७ ठग, धूर्त जानुद्वयस न. ६०१ ढींचण प्रमाण | जालिक पुं ९२८ वाघरी (जाळथी मृग जानुमात्र न. ६०१ ढींचण प्रमाण । वगेरेने पकडनार माणस) जापक पुं ६४६ मलयागिरि पीतचंदन | जालिक पुं १२१० करोळीओ जामदग्न्य पुं ८४८ परशुराम, जमदग्निनो पुत्र | जालिका स्त्री ७६९ लोढानुं बख्तर जामातृ पुं ५१८ जमाई जालिनी स्त्री ९९९ चित्रशाला जामि स्त्री ५५३ बहेन । | जाल्म पुं ३५३ मूर्ख जामेय पुं ५४३ भाणेज जावाल पुं ८८९ रबारी जाम्बूनद न. १०४५ सोनुं जाहक पुं १३०२ सहेलो, एक जातनो बिलाडो जाम्बूलमालिकास्त्री ५१८ (शे. १०८) विवाह -जाह्नवी स्त्री १०८१ गंगा नदी 'जायक' न. ६४६ पीत चंदन जिघत्सा स्त्री ३९३ भूख, क्षुधा जाया स्त्री ५१३ पत्नी जिघत्सु पुं ३९२ भूख्यो जायाजीव पुं ३२८ नंट | जिघांसु पुं ७२९ शत्रु । जायापति पुं (द्वि.व.) ५१९ पति पत्नी बने | जित् पुं १०(प.) वध्य-वधक संबंधमां जायु पुं ४७३ औषध ___ वध्यथी लगाडातो शब्द दा.त. पुरजित् जार पुं ५१९ जार पुरुष जित पुं ८०५ पराजित जारी स्त्री २०५ (शे. ५९) पार्वती जितकाशिन् पुं८०६ लडाईमां जीती गयेलो जाल न. ९२६ इन्द्रजाल, जादुगीरी जितनेमि पुं ८१६ व्रतमां धारण करवा जाल न. १४१२ समूह, समुदाय लायक पीपलानो दंड जालक न. १०१२ गोख, जाळी, बारी | जितमन्यु पुं २१९ (शे. ७२) विष्णु जालक न. ११२५ नवी कळी, जितशत्रु पुं ३६ श्री अजितनाथ नवी कळीओनो समूह . भगवानना पिता जालकारक पुं १२१० करोळीओ | जितारि पु ३६ श्री संभवनाथ जालकिनी स्त्री १२७७ घेटी भगवानना पिता
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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