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________________ - शब्दमाला . १३३ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ जिताहव पुं ८०६ लडाईमां जीती गयेलो | जीर्ण पुं ३४० स्थविर, वृद्ध जितेन्द्रिय पुं ८११ इंद्रिय उपर जय मेळवनार | जीर्ण पुं १११४ वृक्ष, झाड जित्या स्त्री ८९० मोटुं हळ जीर्ण पुं न. १४४८ पुरातन, जुनुं जित्वर पुं ७९३ विजय मेळवनार जीणि स्त्री १५२३ घरडापणुं जिन पुं २४ जिनेश्वर, अरिहंत जीर्णवस्त्र न. ६७८ जुनुं वस्त्र जिन पुं २१६ विष्णु . जीव न. ११८ गुरु, बृहस्पति जिन पुं २३२ बुद्ध, सुगत जीव पुं १३६६ प्राणी, संसारी जीव जिनसद्मन् न. ९९४ जिनालय, देरासर | जीव त्रि. १३६७ प्राण जिनेश्वर पुं २४ अरिहंत, भगवान जीव पुं ११६६ (शिं. १२३) आत्मा, जीव जिनेश्वर पुं ५२ गत चोवीशीना 'जीवक' पुं ११४४ असनवृक्ष .. २०मा भागनुं नाम । जीवजीव पुं १३४० झेर जोतांनी साथे जिष्णु पुं १७३ इन्द्र मृत्यु पामनार मोर जेवू एक पक्षी जिष्णु पुं २१४ विष्णु जीवत्तोका स्त्री ५३० जेनी संतति जीवती जिष्णु पु ७०९ अर्जुन रहेती होय तेवी स्त्री जिष्णु पु ७९३ विजय मेळवनार जीवत्पति स्त्री ५३० सधवा स्त्री जिहानक पुं १६१ प्रलयकाल, क्षय . . जीवपत्नी स्त्री ५३० (शि. ४२) सधवा स्त्री जिह्म न. १४५७ वक्र, वांकुं जीवथ पुं १३५३ काचबो जिह्मग पुं १३०४ साप, सर्प, नाग जीवन न. ८६५ आजीविका जिह्म स्त्री ५८५ जीभ जीवन न. १०६९ पाणी, जल जिह्म स्त्री ११०२ अग्निनी जीभ जीवन न. १०४३ रू' जिह्वास्वाद पुं ४२४ चाटवं ते जीवनक न. ३९५ भोजन जीन पुं ३४० स्थविर, वृद्ध जीवनी स्त्री ११८५ हिरणदोडी, मीठी खरखोडी जीमूत पुं १६४ मेघ, वादळ जीवनीय न. १०६९ पाणी, जल जीमूतवाहिन् पुं ११.०४ धूमांडो जीवनीय न. ४०४ (शि. ९९) दूध जीर पुं ४२२. (शे. १०३) जीरुं ... जीवनीयास्त्री ११८५ हिरणदोडी, मीठी खरखोडी जीरक पुं न. ४२२ जीरुं . जीवनौषध न. १३६७ जीवन रक्षणोपाय, जीरण पुं ४२२ शे. (१०३) जीरु जीवन औषध
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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