________________
अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १२८. | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ जटिन् पुं ११३१ पीपळ |
| जनाश्रय पुं१.००३ मंडप जटिन् पुं १२१८ (शे. १७६) हाथी जनि स्त्री १३६७ जन्म जठर पुं न. ६०४ पेट
जनित्र पुं ५५६ (शे.. ११७) पिता, बाप जठर पुं १३८७ कठोर स्पर्श, कठिन जनित्री स्त्री ५५८ (शि. ४५) माता, मा जड पुं ३५२ मूर्ख
जनी स्त्री ५१३ पत्री, सहचारिणी जड पुं १३८५ शीत स्पर्श, ठंडं
जनी स्त्री ५१४ पुत्रवधू . जड पुं ३४९ (शे. ९३) मंगो
| जनुष् न. १३६७ जन्म जडुल पुं ६१८ शरीरमां काळु चिह्न, तल | जन्तु पुं न. १३६६ संसारी जीव, प्राणी जतु न. ६८६ लाख
| जन्तु पुं १११४ (शे. १७४) वृक्ष, झाड जतुक न. ४२२ हींग
जन्तुफल पुं ११३२ उंबरानुं झाड जतुका स्त्री १३३६ चामाचीडियुं । जन्म पुं न. १३६७ (शि. १२३) जन्म 'जतूका' स्त्री १३३६ चामाचीडियुं . जन्मन् न. १३६७ जन्म जत्रु न. ५८८ छाती अने खभा वच्चेनो सांधो जन्मन् (६ प.) जनक वाचकथी लगाडतो जन पुं ५०१ लोक, प्रजा
शब्द दा.त. आत्मजन्मा जनक पुं ५५६ पिता, बाप
जन्य (ब.व.) पुं५१७ वरना मित्रो, जानैया जनगम पुं ९३३ चंडाल
जन्य पुं न. ७९६ युद्ध, लडाई जनता स्त्री १४२२ मनुष्योनो समुदाय | जन्यु पुं १३६६ संसारी जीव, प्राणी जनन न. ५०३ कुल, वंश
| जप पुं ८४२ वेदनुं अध्ययन । जनन न. १३६७ जन्म, उत्पत्ति जपा स्त्री ११४७ जासुद, जपापुष्प जननी स्त्री ५५७ माता
'जपापुष्प' न. ११४७ जपापुष्प, जासुद जनपद पुं ९४७ देश
जमन न. ४२४ (शि. २९) भोजन खावू जनप्रवाद पुं २७० निंदा, लोकापवाद | जम्पति (द्वि.व.) पुं ५१९ पति पत्नी बंने जनमनोहारिन् पुं १३९० सुगंध जम्बाल पुं न. १०९० कादव जनयितृ पुं ५५६ पिता, बाप
जम्बालिनी स्त्री १०८० नदी जनयित्री स्त्री ५५८ माता, मा | 'जम्बिर' पुं ११४९ लींबु जनश्रुति स्त्री २५९ लोकवायका जम्बीर पुं११४९ लींबु जनार्दन पुं २१४ विष्णु
| जम्बुक पुं १२८९ शियाळ