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________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १२६ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ छत्र वि. ७१७ राजानुं छत्र छग पुं१२७५ बकरो छत्रत्रय न. ६१ प्रभुनो १९मो अतिशय | छागण पुं ११०१ छाणानो अग्नि (आकाशमां त्रण छत्र होय ते) | छागरथ पुं १०९७ अग्नि । छत्रधार पुं ७६४ छत्र धारण करनार छागिका स्त्री १२७५ बंकरी . छद पुं न. ११२३ पत्र, पांदडं | (छागी) स्त्री १२७५ बकरी . छद पुं १३१८ चांच छत पुं ४४९ दूबळो, कृश, छदन न. ११२३ पत्र, पांदडूं. छात न. १४९० (शि. १३४) कापेलु, छदन न. १४७७ आच्छादन, ढांकण छेदायेखें छदावलि स्त्री ७८१ बाणना पुंखमां रहेलां | छात्र पुं ७९ (शे. २) शिष्य गीध वगेरेनां पीछां |(छात्रक) न. १२१४ एक जात, मध छदिष् न. १०१० छापरुं छादनी स्त्री ६३० चामडी छद्मन् न. ३७८ कपट, छल | छादित न. १४७३ (शि. १३२) पूर्ण भरेलु छन्द पुं १३८३ अभिप्राय छादित न. १४७७ (शि. १३२) ढंकायेखें छन्दस् न. २४९ वेद छान्दस पुं ८१७ वेद जाणनार ब्राह्मण छन्दस् न. २५० वेदनुं चोथु अंग . छाया स्त्री १५१२ शोभा, कान्ति छत्र न. ७४१ एकान्त छायाकर पुं ७६४ छत्र धारण करनार छन न. १४७३ पूर्ण, भरेलु (छायाङ्क) पुं १०५ चंद्र, चंद्रमा छन न. १४७६ ढंकायेखें छायापथ पुं १६३ (शे. २८) आकाश छर्दि स्त्री न. ४६९ ऊलटी, वमन छायाभृत् पुं १०५ चंद्र, चंद्रमा छर्दिष् स्त्री ४६९ ऊलटी, वमन छायासुत पुं १२० शनि छल न. ३७८ कपट, छळ (छिक्का) स्त्री ४६३ छींक छल न. ८०४ ठगाई छित न. ऋ१४८९ छेदायेनु, कापेलु छली स्त्री ११२१ वृक्ष वगेरेनी छाल छिद्र न. १३६४ कागुं, बाकोरुं छवि स्त्री १०० किरण छिद्रवस्त्र न. ६७९ काणा पडेलुं वस्त्र छवि स्त्री ६३० चामडी छिद्रित पुं. १४८६ विधायेखें, काणुं पडेलु 'छवि' स्त्री १५१२ शोभा | छिन न. १४८९ छेदायेलु, कापेलु छाग पुं ४८ १७मा भगवान, लांछन । 'छिन्नरुहा' स्त्री ११५७ गळो
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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