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अभिधानचिन्तामणिनाममाला • १२२
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ चाक्रिक पुं ९१७ घांची
चामुण्डा स्त्री २०६ चामुंडा देवी चाटकर पुं १३३२ बाल चकलो | (चामुण्डा) स्त्री २०१ ब्राह्मी, चाटु पुं न. २६४ खुशामत, प्रेमाळ वचन
.. शंकरनी माता चाणक्य पुं८५३ (शि. ७५) वात्स्यायन मुनि | 'चाम्पेय' पुं ११४६ चंपो चाणूर पुं २१९ विष्णुनो वध्य राक्षस |चार पुं ७३४ चरपुरुष, गुप्तचर . (चाणूरसूदन) पुं २२१ विष्णु चार पुं ८०६ जेल केदखानुं चाण्डाल पुं ९३३ (शि. ८२) चांडाल चार न. १३१४ बनावायेलं झेर । चाण्डालिका स्त्री २९० चांडालनी वीणा चारक पुं ८०६ (शि. ७१) जेल, केदखानुं चातक पुं १३२९ चातक पक्षी चारण पुं ३२९ चारण, स्तुति करनार भाट चातुर्वर्ण्य न. ८०७ ब्राह्मण, क्षत्रिय, चारणा स्त्री २०५ (शे. ५४). पार्वती, वैश्य अने शूद्र
. शंकरनी पत्नी चान्द्र पुं १०६७ चन्द्रकांत मणि | चारपथ पुं ९८६ बे रस्ता भेगा थाय चान्द्रभागा स्त्री १०८५ (शि. ९७) चन्द्रभागा |
तेवू स्थान
चारभट पुं ३६५ सुभट, शूरवीर चान्द्रमस न. १०९ मृगशिर नक्षत्र . चारित्र न. ८४३ शुद्ध आचरण, चरित्र (चान्द्रमसायनि) पुं ११७ बुध ग्रह । चारु न. १४४४ सुंदर मनोहर (चान्द्रायण) न. ८४२ चांद्रायण व्रत, | चारुधरा स्त्री १७५ (शे. ३३) इन्द्राणी
विशेष तप चार्वाक पुं ८६३ चावार्क (नास्तिक) चाप न. २२८ कामदेव, बाण चालनी स्त्री न. १०१८ चाळणी चाप पुं न. ७७५ धनुष्य
चाष पुं १३२९ चाष पक्षी चापल न. ३१५ चंचल, अस्थिर चिकित्सक पुं ४७२ वैद्य चामर न. ७१७ चामर
चिकित्सा स्त्री ४७३ उपचार चामरिन् पुं १२३३ (शे. १८०) घोडो । चिकिल पुं १०९० कादव चामीकर न. १०४४ सोनुं
चिकुर पुं ४७६ चपल चामीकरपङ्कज न. ६१ प्रभुनो २१मो | चिकुर पुं (ब.व.) ५६७ केश, वाळ अतिशय (विहार करे त्यारे सुवर्ण कमल | चिक्कण न.. ४१३ चीकj उपर पग मूके ते)
| चिक्कस पुं न. ४०२ जवनो लोट
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नदी