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शब्दमाला . १२१
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ चर्चस् पुं १९३ नवविधि थकी नवमो विधि | 'चर्मिन्' पुं ११४४ भोजपत्र, वृक्ष चर्चा स्त्री ६३६ चंदनादि वडे चर्या स्त्री १५०१ साधुओ- आचारमा रहेq ते
शरीरने सुगन्धित करवू | चर्वण न. ४२४ दांतथी चावq ते चर्चा स्त्री १३७३ चर्चा, विचारणा चर्षणी स्त्री ५२८ असती, कुलटा चर्चिका स्त्री २०६ चामुंडा देवी चल पुं १०५० पारो चचिक्य न. ६३६ चंदनादि वडे चल न. १४५५ चपल, अनित्य
शरीरने सुगंधित करवू चल न. ११०७ (शे. १७२) वायु, पवन चर्भटी स्त्री २७३ हर्ष क्रीडा, . चलचञ्चु पुं १३३९ चकोर पक्षी
____ ताली आपी गान कर 'चलन पुं ६१६ पग चर्मकृत् पुं ९१४ चमार, मोची 'चलन' न. १४५५ चपल, अनित्य चर्मचटका स्त्री १३३६ चामाचीडियुं 'चलदल' पुं ११३१ पीपळो चर्मचूड पुं १३२५ (शे. १९१) कूकडो चलनक पुं ६७४ सुंदर स्त्री- अर्ध साथळ चर्मण्वती स्त्री १०८६ (शे. १६८) चर्मण्वती -
सुधी ढंकाय तेवू वस्त्र
| चलनी स्त्री ६७४ सुंदर स्त्री- अर्ध साथळ चर्मदण्ड पुं १२५२ चाबुक
सुधी ढंकाय तेवू वस्त्र चर्मन् न. ६३० चामडी .. चला स्त्री ११०४ वीजळी चर्मन् न. ७८३ ढाल, फलक चलाचल न: १४५५ चपल, अनित्य (चर्मन्) न. १०६३ रत्ननी आठ जाति | चलित नं. १४८१ हलावेलुं, कंपेलु
पैकी एक जाति | चलु पुं ५९८ चांगलुं, पसली, खोबो चर्मप्रभेदिका स्त्री ९१५ आरी, | चलुक पुं ५९८ (शि. ४७) चांगलु, खोबो, .
__ चामडं कापवानुं हथियार | पाणीना आधार रूपे बनावेली पसली चर्मप्रसेविका स्त्री पुं ९०८ धमण चषक पुं ९०६ मदिरा पीवानुं पात्र चर्ममुण्डा स्त्री २०६ चामुंडा देवी चषक पुं १०२४ प्यालो, पाणी पीवानुं पात्र (चर्मवसन) पुं १९८ शंकर, महादेव चषाल पुं. न. ८२५ यज्ञीय यूपने माथे (चर्मसीवनी) स्त्री ९१५ आरी; कडानी जेम पहेराववानी वलयाकार वस्तु
. चामडुं सीववानी सोय | चाक्रिक पुं (ब.व.) ७९४ देव आगळ घंट चर्मिन् पुं २१० (शे. ६४) शंकरनो भंगी गण | वगाडनार श्रावक (संभळावनार)