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शब्दमाला • १०९ .
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ - शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ गुण पुं १४४१ गौण, अप्रधान | गुप्तचर पुं २२५ (शे. ७७) बलदेव गुणग्राम पुं १४१४ गुणोनो समूह गुप्ति स्त्री ८०६ जेल, केदखानुं गुणलयनिका स्त्री ६८२ वस्त्रनुं ना घर, रावटी | गुम्फ पुं ६५३ रचना, गूंथणी गुणवृक्ष पुं ८७७ सढ, वहाणनो कूवास्तंभ | गुरु पुं ७७ धर्मोपदेश आपनार गुरु गुणाधिष्टानक पुं ६०३ (शे. १२५) हृदय, | गुरु पुं ११९ गुरु, बृहस्पति
अन्तःकरण | गुरु न. १४३० विशाळ, मोटुं गुणाब्धि पुं २३५ (शे. ८२) बुद्ध, सुगत | गुरुक्रम पुं८० संप्रदाय, गुरुपरंपरागत उपदेश गुणित न. १४८३ गुणाकार करेल गुरुहन् पुं ८५८ गुरुने हणनार गुणोत्कर्ष पुं १३७५ गुणोनुं उत्कृष्टपणुं, | गुरुदैवत पुं १११ पुष्प नक्षत्र उत्कर्ष
गुरुपत्र न. १०४२ कलई गुण्डित न. १४८३ धूळथी खरडायेलु (गुरुपाद) (ब.व.) पुं ३३६ पूज्य गुरु गुण्डिव पुं १२९१ थोडं शियाळने मळतुं प्राणी | गुर्विणी स्त्री ५३८ गर्भवती, सगर्भा स्त्री गुत्स पुं ११२६ नहि खीलेली गुर्वी स्त्री ५३९ गर्भवती, सगर्भा स्त्री
कुंपळोनो गुच्छो गुल पुं ६११ गुह्यनो मध्यभाग गुत्सक पुं ११२६ नहि खीलेली . | | गुलुच्छ पुं न. ११२६ नहि खीलेली कुंपळोनो गुच्छो
___कुंपळोनो गच्छो गुद पुं न. ६१२ गुदा
| गुलुञ्छु पुं ११२६ (शि. १०१) नहि गुदकील पुं ४६८ (शि. ३४) हरस, मसा . खीलेली कुंपळोनो गुच्छो गुदग्रह पुं ४६९ मळ-मूत्रादि रोकवाथी | गुल्फ पुं स्त्री ६१५ घुटण, पगनी एडी, थतो रोग, आफरो
उपरनी घुटी गुदाकुर पुं ४६८ हरस, मसा गुल्म पुं न. ४६९ पेटनी गांठ, बरोल गुन्दल पुं १४०८ मृदंगनो शब्द | गुल्म पुं न. ६०५ बरोल, हृदयनी गुन्द्र पुं ११९२ मुंज तृण .
डाबी बाजुनो मांस पिंड गुन्द्रा स्त्री ११९३ उत्तम मोथ, भद्रमोथ | गुल्म पुं न. ७४८ सेनामुखथी त्रण गणुं सैन्य गुन्द्राल पुं १३४० जीवंजीव पक्षी | गुल्म पुं न. ११२० थड अने शाखा विनानुं वृक्ष गुप्त न. १४८३ संतायेल
गुल्मिनी स्त्री १११८ गुच्छवाळी वेलडी, गुप्त न. १४९७ रक्षण करायेल.
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