________________
अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ११० शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ गुल्य पुं १३८८ मधुर रस
| गृहगोलिका स्त्री १२९७ गरोळी 'गुवाक' ११५४ सोपारीनुं झाड़ । | गृहजालिका स्त्री ३१४ (शे. ९१) आकार गुह पुं २०९ कातिकेय, शंकरपुत्र
... छुपाववो ते गुहा स्त्री १०३३ स्वाभाविक गुफा | | गृहपति पुं ७३४ घरधणी, सदा दान आपनार गुह्य न. ६११ स्त्री/पुरुष चिन्ह, योनि अने लिंग | गृहबलिभुज् पुं १३३१ चकलो गुह्य न. ७४२ गुप्त राखवा योग्य | गृहमणि पुं६८७ दीवो गुह्यक पुं १९४ यक्ष • गृहमृग पुं १२७९ कूतरो (गुह्यकेश) पुं १९० कुबेरदेव . | गृहमेधिन् पुं ८०८ गृहस्थ गुह्यगुरु पुं २०० (शे. ४२) शंकर, महादेव | | गृह्यालु पुं ४४५ ग्रहण करनार गुह्यमध्य न. ६११ गुह्यनो मध्यभाग गृहस्थ पुं ८०८ गृहस्थ .. गूढ न. १४८३ गुप्त संतायेल
गृहाम्बु न. ४१६ (शे. १०१) राब, कांजी गूढपथ न. १३६९ चित्त, मन | गृहाराम पुं १११२ घरनी पासेनो बगीचो गूढपाद् पुं १३०४ सर्प, नाग
के वाडी गूढपुरुष पुं ७३३ चर, पुरुष गृहावग्रहणी स्त्री १००९ घरनो ऊंबरो गूढभोजन पुं १२३३ (शे. १७९). घोडो | गृहिणी स्त्री ५१२ पत्नी, परणेली स्त्री गूथ पुं न. ६३४ विष्ठा
गृहिन् पुं ८०८ गृहस्थ गून न. १४९५ हगेलुं
| गृहिन् पुं ८०७ बीजो गृहस्थ आश्रम गूवाक पुं ११५४ सोपारी, झाड गृहीतदिश् पुं. ८०५ नासी गयेलो गृञ्जन पुं न. ११८७ गाजर, लाल लसण, | गृहोलिका स्त्री १२९८ गरोळी डुंगळी
गृह्य पुं १३४३ (ब.व.) घरे पाळेला पशुपक्षी गृथ्नु पुं ४२९ अतिलोभी
गृह्यक पुं ३५६ पराधीन, परवश गृध्र पुं १३३५ गीध पक्षी
|गेन्दुक पुं ६८९ दडो गृष्टि स्त्री १२६८ एकवार प्रसव करनारी गाय | गेय न. २८० गीत, गायन 'गृष्टि' पुं. १२८८ भंड
गेह न. ९८९ घर गृह (ब.व.) पुं न. ५१२ पत्नी, परणेली स्त्री | गेहभू स्त्री ९८९ घर माटेनी भूमि, गृह पुं ९८९ घर
रहेवा योग्य भूमि गृहगोधिका स्त्री १२९७ गरोळी | गेहिनी स्त्री ५१२ (शि. ४०) पत्नी, परणेली स्त्री