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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १०८
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ गाभिण न. १४१५ गर्भिणीओनो समूह | गीर्वाण पुं १९ (प.) देव गार्हपत्य पुं ८२६ त्रीजा प्रकारनो अग्नि गीर्वाण (ब.व.) ' ८९ देवता गालव पुं ११५९ लोध्र, लोधर . गीष्पति पुं ११९ गुरु, बृहस्पति गालि स्त्री २७२ गाळ
'गुग्गुल' पुं ११४२ गूगळy झाड गिर स्त्री २४१ सरस्वती देवी, वाणी गुग्गुलु पुं ११४२ गूगळनुं झाड गिरि पुं ६८८ गेडी, रमवानुं साधन . गुच्छ पुं ६६० बत्रीश सेरनो हार गिरि पुं १०२७ पर्वत
गुच्छ पुं ११२६ नहि खीलेली कुंपळनो गुच्छो गिरिक पुं६८९ (शि. ५८) गेडी, रमवानुं साधन | गुच्छ पुं ११८२ धान्यनो छेडो, गिरिकर्णी स्त्री ११५६ गरणी, वनस्पति विशेष ।
धान्य वगेरेनी नाळ गिरिका पुं १३०१ नानो उंदर. गुञ्छ पुं ११२६ नहि खीलेली गिरिगुड पुं ६८९ गेडी, रमवानुं साधन
कुंपळोनो गुच्छो गिरिज न. १०६२ शिलाजित गुञ्जा स्त्री ८८३ चणोठी, रति (गिरिज) न. १०५१ अबरख
गुञ्जा स्त्री ११५५ चणोठी गिरिजामल न. १०५१ अबरख गुड पुं ४०२ गोळ गिरिमल्लिका स्त्री ११३७ इन्द्रजवनुं झाड | गुड पुं ४२५ कोळीओ गिरियक पुं ६८९ गेडी रमवानुं साधन | गुड पुं ६८८. गेडी, रमवानुं साधन गिरिश पुं १९६ शंकर, महादेव | गुडपुष्प पुं ११४१ महुडो गिरिसार न. १०३८ लोखंड
गुडफल पुं ११४२ पीलुनुं झाड गिरीयक पुं६७९ (शि. ५८) गेडी, रमवानुं | गुडा स्त्री ११४० विलायती थोर
साधन | गुडाकेश पुं ७०९ अर्जुन गिरीश पुं १९६ शंकर, महादेव
गुडूची स्त्री ११५७ गळो गी:पति पुं ११९ गुरु, बृहस्पति गुडेरक पुं ४२५ कोळीयो गौःपतीष्टिकृत् पुं८१८ बृहस्पतिसव नामनो | गुण पुं ७२२ रसोईयो
यज्ञ करनार . | गुण (ब.व.) पुं ७३५ संधि-विग्रह वगेरे गीत न. २८० गायन, गीत
राज्योपयोगी ६ गुणो गीति स्त्री २८० गीत, गायन | गुण पुं ७७६ धनुष्यनी दोरी, पणछ गीरथ पुं ११९ (शे. १५) गुरु, बृहस्पति | गुण पुं ९२८ दोरी, दोरडुं