________________
अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १०४
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ गणदेवता स्त्री ८९ (शे. ९) गणदेवताओ | (गण्डिका) स्त्री ११२० वृक्षनो मूळथी (गणनाथ) पुं १९९ शंकर, महादेव . . लईने शाखा सुधीनो भाग गणनायिका स्त्री २०५ (शे. ५३) पार्वती | गण्डूपद पुं १२०३ अळसिया (गणनीय) न. ८७२ गणी शकाय तेवू | गण्डूपदभव न. १०४१: सीसु गणरात्र पुं न. १४३ रात्रिनो समूह गण्डुपदी स्त्री. १२०३ गंडोला गणाधिप पुं (ब.व.) ३१ गणधर भगवान गण्डुष पुं ५९८ पाणीना आधार रुपे गणि पुं७८ आचारांग वगेरे प्रवचन.जाणनार
बनावेली पसली (चांगळु) गणिका स्त्री ५३२ वेश्या । गण्डोल पुं ४२६ कोळीओ गणिका स्त्री ३३४ गणिका, वेश्या | गण्य न. ८७२ गणी शकाय तेवू गणिका स्त्री १२१८ (शे. १७७). हाथणी |गताक्ष. पुं ४५७ आंधळो 'गणिका' स्त्री ११४८ जुई | गति स्त्री ४७० लोही झरतुं व्रण, नासुर गणिकापति पुं ५१९ गणिकानो पति . | गति स्त्री १५०० चालवू, विहार गणिकाभृति स्त्री ३६३ गणिकानो पगार | गद पुं ४६३ रोग । गणिपिटक न. २४५ द्वादशांगी | गदयित्नु पुं १६४ (शे. २८) मेघ वादळ गणेय न. ८७२ गणी शकाय तेवू गदाग्रज पुं २१६ विष्णु, नारायण गणेरुका स्त्री ५३८ (शे. ११४) दासी | गदाग्रज पुं ९ (परि.) विष्णु गणेश पुं २०७ गणेश, विनायक | (गदाधर) पुं २१९ विष्णु नारायण गणेश्वर पुं १२८५ (शे. १८४) सिंह गदान्तक पुं (द्वि.व.) १८२ (शे. ३६) गण्ड पुं ४६६ विस्फोटक फोल्लो
स्वर्गना वैद्य गण्ड पुं५८२ कपोलनी आगळनो भाग, लमणा | गदाभृत् पुं २१९ विष्णु, नारायण गण्ड पुं १२२५ हाथीनुं गंडस्थल गदित न. २४१ (शे. ८२) वाणी, वचन गण्डक पुं १२८७ गेंडो
गदिनी स्त्री २०५ (शे. ५३) पार्वती गण्डमाल पुं ४६७ कंठमाळ
गद्गदस्वर पुं १२८३ (शे. १८३) पाडो गण्डशैल पुं (ब.व.) १०३६ पर्वतमांथी | गन्त्री स्त्री ७५३ गाईं, बेलगाडी
छूटा पडेला मोटा पथ्थर | गन्दुक पुं ६८९ (शि. ५९) दडो गण्डि स्त्री ११२० वृक्षनो मूळथी लईने | गन्ध पुं १३९० सुगंध
शाखा सुधीनो भाग | गन्धक पुं १०५७ गंधक