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- शब्दमाला . १०३
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ खेट पुं ९७२ नमरनो अर्धो भाग गजता स्त्री १४२२ हाथीनो समूह खेट न. १४४३ अधम, हलकुं गजता स्त्री १२२३ हाथीनो समुदाय खेट पुं ४६२ (शे. १०७) कफ गजपुर न. ९७८ दिल्ही, हस्तिनापुर खेटक न. ७८३ ढाल, फलक | गजप्रिया स्त्री ११५२ शरू, शालेडु खेद पुं २९९ शोक, करुण रसनो स्थायीभाव | 'गजभक्षा' स्त्री ११५२ शरू, शालेडु खेय न. १०९५ खाई
___ (वनस्पति विशेष) खेलनी स्त्री ४८७ शेत्रंज वगेरेनी सोगठी | 'गजभक्ष्या' स्त्री ११५२ शरू, शालेडु खेला स्त्री ५५६ रमत, क्रीडा
__ (वनस्पति विशेष) खोडाह पुं १२३७ धोळो अने पीळो घोडो | गजाजीव पुं (ब.व.) ७६२ महावत खोड पुं ४५५ लंगडो
गजास्य पुं २०७ गणेश, विनायक खोर पुं ४५५ लंगडो
(गजासुरद्धेषिन्) पुं २०० शंकर, महादेव खोल न. ७६८ (शि. ६७) पाघडी - | गजासुहृद् पुं २०० शंकर, महादेव ख्यात पुं १४९३ प्रसिद्ध, विख्यात |गजाह्वय ९७८ दिल्ही, हस्तिनापुर .ग.
गजा स्त्री १००१ दारू पीवानुं स्थान गगन न. १६३ आकाश
गजा स्त्री पुं १०३६ खाण (गगन) न. १०५१ अबरख .. गडक पुं १३४५ शकुल मच्छर्नु बाळक गगनध्वज पुं ९७ सूर्य .
गडयित्नु १६४ (शि. २८) मेघ, वादळ गगनाध्वग पुं ९७ सूर्य ।
गडु पु ४६६ पीठमां थयेल गांठ, खुंध गङ्गा स्त्री १०८१ गंगा नदी | 'गडुची' स्त्री ११५७ गळो (गङ्गाधर) पुं ७५ शंकर, महादेव गडुल पुं ४५३ कुबडो, कुब्ज गङ्गाधर पुं १९९ शंकर, महादेव । | गडूची स्त्री ११५७ गळो । गङ्गाभृत् पुं १९९ शंकर, महादेव . | गडोल पुं ४२५ कोळीओ गङ्गासुत पुं २०८ शंकरनो पुत्र | गण पुं ३१ सरखी वाचना लेनारा गच्छ पुं १११४ वृक्ष, झाड
मुनिओनो समुदाय गज पुं ४७ श्री अजितनाथ भगवान- लांछन | गण पुं (ब.व.) २०१ शंकरना गणो गज पुं ७५१ सेनानुं प्रथम अंग | गण पुं १४११ समूह, समुदाय गज पुं १२१७ हाथी
| गणक पुं ४८२ ज्योतिषी, दैवज्ञ