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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १०२ .
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ खर्जूति स्त्री ४६४ (शि. ३३) खरजर्बु, खस पुं ४६४ खस
खरज | खसापुत्र पुं १८८ (शे. ३७) राक्षिस खजूर न. १०४३ चांदी
खसिन्धु पुं १०५ (शे. १३) चंद्र खजूर न. १०५८ हरताल
खस्फटिक (द्वि.व.) पुं १०६८ सूर्यकान्त, खर्व पुं ४५४ ठीगणो माणस
.. चंद्रकांत मणि खर्व न. ८७४ दश अबज
खातक न. १०९४ खोदेली तळावडी खर्व न. १४२९ ट्रॅकुं, नीचुं . खातिका स्त्री १०९५ खाई खर्वशाख पुं ४५४ ठीगणो माणस खादन न. ४२३ भोजन, जमवू खल पुं न. ३८० दुर्जन
खादन (ब.व.) पुं ५८४ दांत . खल पुं न. ९१७ खोळ, तेल काढतां खानि स्त्री १०३६ खाण.
वधेल कचरो | खापगा स्त्री १०८२ गंगा नदी खल त्रि ९६९ खळु
| खारी स्त्री ८८६ सोळ द्रोण प्रमाण खलत पुं ४५२ (शि. ३२) टालीयो | (खारीक) पुं९६९ एक खारी प्रमाण धान्य खलति पुं ४५२ टालीओ
वावी शकाय तेवू खेतर खलधान न. ९६९ खळु
खिल न. ९४० खेड्या वगरना खेतरनी भूमि खलपू पुं ३६३ खळं साफ करनार | खिलखिल्ल पुं १३२० (शे. १८८) मोर
झाडु काढनार खुखणी स्त्री २९० (शे. ४) चांडालनी वीणा खलिन न. १२५१ (शि. १११) लगाम, चोकडं खुङ्गाह पुं १२३८ काळो घोडो खलिनी स्त्री १४२१ खल पुरुषनो समूह | खुर (ब.व.) पुं न. १२४४ खरी खलीन पुं न. १२५० लगाम, चोकडं खुरणस् पुं.४५२ तीक्ष्ण नाकवाळो, (खलूर) पुं७८८ शस्त्राभ्यास करवानुं स्थान |
पशुनी खरी जेवा नाकवाळो खलूरिका स्त्री ७८८ शस्त्राभ्यास करवानुं स्थान | खुरणस पुं ४५२ तीक्ष्ण नाकवाळो, खलेवालिन् पुं ८९४ खळामां बळद बांधवा
पशुनी खरी जेवा नाकवाळो माटेनुं लाकडं खुरली स्त्री ७८८ शस्त्र-कलानो अभ्यास खल्या स्त्री १४२१ खल पुरुषनो समूह | खुरोपम पुं ७८७ (शे. १४८) अस्त्रा जेवू खल्ल पुं १०२५ मशक
शस्त्र (खरपली) खल्वाट पं ४५२ टालीओ . | खेचर न. १०५६ राती हीराकसी