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________________ - शब्दमाला • १०५ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ गन्धकालिका स्त्री ८४७ व्यास ऋषिनी माता गन्धाश्मन् पुं १०५७ गंधक गन्धज्ञा स्त्री ५८० नाक गन्धिक पुं १०५७ गंधक गन्धदारु पुं ६४० (शे. १३२ ) अगरु, अगर गन्धोत्तमा स्त्री ९०२ मदिरा गन्धधुली स्त्री ६४४ कस्तुरी गन्धोली १२१५ भमरा जेवुं गन्धनालिका स्त्री ५८१ (शे. १२१) नाक गन्धपिशाचिका स्त्री ६४९ एक स्थानेथी बीजे स्थाने जतो धूप 'गन्धफली' स्त्री ११४९ कांग गन्धमातृ स्त्री ९३६ पृथ्वी गन्धमूषी स्त्री १३०१ छछूंदरी गन्धमूषिका स्त्री १३०१ छछूंदरी गन्धरस पुं १०६३ हीराबोळ गन्धर्व पुं ४३ श्री कुंथुनाथ भगवानना शासन देव गन्धर्व पुं (ब.व.) ९१ व्यंतरदेव गन्धर्व पुं (ब.व.) १८३ हाहा वगेरे गन्धर्वो, देवोना गवैया गन्धर्व पुं १२३३ घोडो 'गन्धहस्तक' पुं. ११५० एरंडो गन्धवती स्त्री ८४८ (शे. १५४) व्यास ऋषिनी माता गन्धवह पुं ११०६ पवन गन्धवहा स्त्री ५८१ ( शे. १२१) नाक गन्धवाह पुं १९०७ (शि. १००) पवन गन्धसार पुं ६४१ चंदन, सुखड गन्धहृत् पुं ५८१ (शे. १२१) नाक गन्धाम्बुवर्ष न. ६३ सुगंधी जलनो वरसाद, चंचल पांखवाळं जीवडुं गभस्ति पुं ९५ सूर्य गभस्ति पुं १०० किरण ( गभस्तिपाणि) पुं ९६ सूर्य गभीर न. १०७१ गंभीर, ऊंडुं गमन न. ७८९ गमन, प्रयाण गम्भीर न. १०७१ गंभीर, उंडुं गम्भीरवेदिन् पुं १२२२ अंकुशने नहि गणनारो हाथी 'गम्भीरी' स्त्री १९४३ सीवणनुं वृक्ष गया स्त्री ९७३ गयराजर्षिनुं नगर, गया नामनुं तीर्थ गर पुं १३१४ बनावायेलुं झेर गरभ पुं ५४० गर्भ गरल पुं न. ११९५ झेर, विष गरव्रत पुं १३२० (शे. १८८) मोर गरुड पुं ४३ श्री शांतिनाथ भगवानना शासनदेव गरुड पुं २३० गरुड पक्षी (गरुड) पुं ७८० बाणनो एक प्रकार (गरुडगामिन् ) पुं २२१ विष्णु गरुडाग्रज पुं १०२ सूर्यनो सारथि, अरुण अरिहंतनो एक अतिशय । गरुडाङ्क पुं २१४ विष्णु
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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