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शब्दमाला • ९९
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ. शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ क्षीरस्फटिक पुं १०६८ क्षीरना जेवू क्षुद्रा स्त्री १२१३ मधमाखी
धवल स्फटिक रत्न | क्षद्रा स्त्री ५३३ (शे. १४४) वेश्या क्षीरवारि पुं १०७५ क्षीर समुद्र 'क्षुद्रा' ११५७ बेठी भोयरींगणी क्षीरशर पुं ८३१ यज्ञमां पाकेलं अने क्षुद्राराम पुं १११३ नानी वाडी, बगीचो
___ गरम दूधमां नाखेलु दहीं क्षुद्रोपाय पुं (ब.व.) ७३८ राजाना त्रण क्षीराब्धिमानुषी स्त्री २२६ (शे. ७८).
क्षुद्र (तुच्छ) उपाय लक्ष्मी
क्षुध् स्त्री १३७२ भूख, जठराग्निनी पीडा क्षीराह्वय पुं६४८ (शे. १३४) गूगळनो धूप | क्षुध् स्त्री ३९३ (शे. ९५) खावानी इच्छा (क्षीरोद) पुं १०७५ क्षीर समुद्र | क्षुधा स्त्री ३९३ (शे. ९५) खावानी इच्छा क्षीरोदतनया स्त्री २२६ लक्ष्मी क्षुधित पुं ३९२ भूख्यो क्षुण्ण पुं ३४५ शास्त्रादि तत्त्वोनो संस्कारी | क्षुप पुं १११७ जटाकार मूळ अने क्षुण्णक न. २९४ (शे. ८७) मृतकनी ,
नानी शाखावाळु झाड ___यात्रामा वगाडातो ढोल | क्षुब्ध पुं १०२३ मन्थन दंड, रवैयो क्षुत् न. ४६३ छींक
क्षुमा स्त्री ११७९ अळसी क्षुत न. ४६३ छींक
क्षुरप्र पुं ७८० धारवाळु लोढार्नु बाण क्षुताभिजनन पुं ४१८. राई
क्षुरमर्दिन् पुं ९२३ हजाम क्षुद्र पुं ३६८ कृपण
क्षुरिका स्त्री ७८४ (शि. ६८) छरी क्षुद्र न. १४२७ नानू, हलकुं
क्षुरिन् पुं ९२२ हजाम क्षुद्र पुं ३५८ (शे. ९४) निर्धन, दीन क्षरी स्त्री ७८४ छरी क्षुद्र पुं.३८० (शे. ९४) दुर्जन, चाडीयो | क्षुल्ल १४२६ नानु, थोडं क्षुद्रकम्बु पुं १२०५: नानो शंख, शंखला | क्षुल्लक पुं (ब.व.) १२०५ नानो शंख क्षुद्रकीट पुं स्त्री. १२०२ नानो कीडो क्षेत्र न. ५१३ पत्नी, परणेली स्त्री क्षुद्रकूप पुं १०९३ नानो को
क्षेत्र न. ५६३ शरीर क्षुद्रघण्टिका स्त्री ६५ पुपरी क्षेत्र न. ९६५ खेतर क्षुद्रनासिक पुं ४५१ नाना नाकवाळो; क्षेत्रक ; ५४१ दीयर वगेरेसी थयेल पुत्र
... क्षुद्र नाकवाळो क्षेत्रज्ञ पुं १३६६ आत्मा, जीव 'सर' पुं १२०५ नाना शंखो क्षेत्रज्ञ पुं २१३ (शे. ६४) ब्रह्मा
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