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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . १०० -
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द /लिंग / श्लोक / अर्थ क्षेत्रज्ञ पुं ३४३ (शे. ९२) प्रवीण, निपुण | ख न. १०५१ अबरख । (क्षेत्रहर) पुं ३७२ आततायी, वध माटे |ख न. १३८३ इन्द्रिय, चक्षु वगेरे
. तैयार थयेलो खक्खट पुं १३८७ (शि, १२६) कठोर क्षेत्राजीव पुं ८९० (शि. ७८) खेडूत
. स्पर्श, कठिन क्षेत्रिन् पुं ८९० खेडूत
| खग पुं ९५ सूर्य क्षेप पुं २७१ निंदा
खग पुं ७७८ बाण . 'क्षेपणि' स्त्री ८७७ हलेसुं. | खग पुं १३१६ पक्षी क्षेपणी स्त्री ८७७ वहाणनो दंड खगालिका स्त्री ५३३ (शे. ११३) वेश्या क्षेम न. पुं ८६ कल्याण, शुभ खङ्खर पुं ५६९ वांका वाळ . क्षेमङ्कर पुं ४८९ कल्याण, शुभ करनार | खचित पुं १४६९. मिश्रित, एकळु थयेखें क्षेमरी स्त्री २०५ (शे. ६१) पार्वती | खज पुं१०२३ (शि. ९०) रवैयो, मन्थन दंड क्षेमा स्त्री २०५ (शे. ५४) पार्वती . | खजक पुं १०२३ रवैयो, मंथन दंड (क्षोणि) स्त्री ९३६ पृथ्वी
ख़जाका स्त्री १०२१ कडछी क्षोणी स्त्री ९३६ पृथ्वी
खजित् पुं २३५ बुद्ध, सुगत क्षोद पुं९७० कांकरावाळी धूळ, चूर्ण, भूको | (खञ्ज) पुं ४५५ लंगडो (क्षौद्र) न. १२१४ मध
खञ्जक पुं. ४५५ लंगडो क्षौम न. पुं ६६९ शण वगेरेनुं वस्त्र खञ्जन पुं १३२८ दिवाळी घोडो, खंजन पक्षी क्षौम न. पुं९८१ किल्लाना उपरनो समभाग, | खजरीट पुं १३२८ दिवाळी घोडो, सैन्यगृह
खंजन पक्षी क्षौर न. ९२४ हजामत
खट पुं ४६२ कफ क्षौरिक पुं ९२३ (शे. १५६) हजाम खटक पुं ५९७ अर्धमूठी वाळेलो हाथ क्ष्णुत न. १४८४ तीक्ष्ण करायेलं (खटाखु) पुं १३०१ नानो उंदर क्ष्मा स्त्री ९३६ पृथ्वी
| खटिका स्त्री ४०१ (शे. ९९) चोखानी क्ष्वेड पुं ११९५ विष, झेर ।
घाणी श्वेडा स्त्री १४०४ वीरनी गर्जना खटक्किका स्त्री १००७ (शि. ८७) खडकी,
खडकीनुं द्वार ख न. १६३ आकाश
खटिनी स्त्री १०३७ खडी, सफेद धातु