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अभिधानचिन्तामणिनाममाला • ९८
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ क्षत्रियाणी स्त्री ५२४ क्षत्रिय जातिमां उत्पन्न थयेली स्त्री
क्षत्रियी स्त्री ५२३ क्षत्रियनी पत्नी क्षन्तृ पुं ३९१ क्षमावान, सहनशील क्षपा स्त्री १४१ रात्रि क्षम पुं ४९१ समर्थ, सहनशील क्षमा स्त्री ३९१ क्षमा, सहन करवुं क्षमा स्त्री ९३६ पृथ्वी
क्षमितृ पुं ३९० क्षमावान, सहनशील क्षमिन् पुं ३९० क्षमावान, सहनशील क्षय पुं १६१ प्रलयकाळ, क्षय क्षय पुं ४६३ क्षय रोग क्षय पुं ९९१ घर
क्षय पुं १५२३ क्षय पामवुं क्षीणता क्षरिन् पुं १५७ वर्षाऋतु, श्रावण-भादरवो मास क्षव पुं ४१८ राई
क्षव पुं ४६३ छींक
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ क्षारणा स्त्री २७२ मैथुन विषयक अपवाद मूकवो ते क्षारित पुं ४३६ ठपका लायक,
क्षवथु पुं ४६४ खांसी
क्षान्ता स्त्री ९३८ (शे. १५७) पृथ्वी क्षान्ति स्त्री ३९१ (शि. ७२) क्षमा,
सहनशीलपणुं
( क्षान्तिमत्) पुं ७६ क्षमावाळा मुनि क्षाम पुं ४४९ दुबळो, कृश क्षार पुं ८२८ राख
क्षार पुं १०६२ काचलवण, बंगडीखार क्षारक पुं न. ११२५ नवी कळी,
लोकापवादथी निन्दित
क्षालित न. १४३७ धोयेलुं, साफ करायेलुं क्षिति स्त्री ९३६ पृथ्वी क्षितिरुह पुं १११४ वृक्ष, झाड 'क्षिपणी' स्त्री ८७७ हलेसुं
क्षिपण पुं १९०७ (शे. १७२) वायु, पवन क्षिप्त, न. १४८२ प्रेरणा करेलुं, मोकलेलुं (क्षिप्त ) पुं ७७९ नाखेलुं बाण क्षिप्नु पुं ३५० निराकरण करनार, फेंकनार क्षिप्र न. ६१७ अंगूठो अने
आंगळीओनो मध्य भाग
क्षिप्र न. १४७० जल्दी
क्षिया स्त्री १५२३ क्षय पामवु, क्षीणता क्षीण पुं. ४४९ दूबळो, कृश क्षीणाष्टकर्मन् पुं २४ अरिहंत, तीर्थंकर क्षीजन न. १४०९ कीचक वांसनो अवाज, वेणुवाद्य क्षीब पुं ४३६ मत्त, मदवाळो
क्षीर न. पुं ४०४ दूध क्षीर न. १०६९ पाणी
क्षीरकण्ठ पुं ३३८ धावणुं बाळक क्षीरज न. ४०६ दहीं, गोरस
क्षीरप पुं - ३३८ ( शि. २१) धावणुं बाळक नवी कळीयोनो समुदाय । क्षीरपत्र न. ११८६ चीलनी भाजी, बथवो