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PASARAL
हरणनी जात
अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ९२ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ शब्द /लिंग / श्लोक / अर्थ 'कृष्णसार' पुं १२९४ एक प्रकारनी | केलिकिल पुं २१० कूष्माण्डक नामनो
. शंकरनो गण कृष्णस्वस स्त्री २०४ पार्वती - | केलिकिल पुं ३३१. विदूषक कृष्णा स्त्री ४२१ पीपर
केलिकीर्ण पुं १२५५ ऊंट कृष्णा स्त्री ७१० द्रौपदी
केलिकुञ्चिका स्त्री ५५५ पत्नीनी नानी बहेन कृष्णा स्त्री २०५ (शे. ४९) पार्वती . | केलिनी स्त्री ९३८ (शे. १५८) पृथ्वी कृष्णामिष न. १०३८. लोढुं .. केलीकील स्त्री ३३१ (शि. २०) विदूषक कृष्णावास पुं ११३१ पीपळो केवल न. ७४२ एकान्त कृष्णिका स्त्री ४१९ राई
केवलज्ञानिन् पुं ५० गई चोवीशीना कृसर पुं स्त्री ३९८ तल मिश्रित अन्न .. . प्रथम तीर्थंकर केकर पुं ४५८ त्रांसी आंखवाळो. केवलिन् पुं २५ अरिहंत, केवळी, सर्वज्ञ केका स्त्री १३२० मोरनी वाणी, टहुकार | केश पुं ५६७ वाळ केकिन् पुं १३१९ मोर . | क्रेशकलाप पुं ५६८ केशनो समूह, केणिका स्त्री ६८१ वस्त्रनुं नानुं घर, रावटी
केश रचना केतक पुं स्त्री ११५२ केवडो,
केशघ्न न. ४६६ केश खरी पडे तेवो रोग, केतकी, झाड
वात रोग केतन न. २२९ काम, चिह्न | केशपक्ष पुं५६८ केशनो समूह, केश रचना केतन न. ७५० ध्वज
केशपाश पुं५६८ केशनो समूह, केश रचना केतु पुं ९९ किरण
केशपाशी स्त्री ५७१ शिखा, चोटली केतु पुं १२२ केतु ग्रह
केशभार पुं५६८ केशनो समूह, केश रचना केतु पुं ७५० ध्वज
केशमार्जन पुं ६८८ कांसको, कांसकी केदार पुं न. ९६५ खेतर
'केशर' ११३५ बोरसली, बकुलवृक्ष केनिपात पुं ८७९ वहाण, सुकान, हलेसुं | 'केशर' पुं ११६६ केसरा, तांतणा केयूर न. ६६२ बाजु बंध, कडु केशरचना स्त्री५६८ केशनो समूह, केश रचना केरल पुं ९६१ केरल देश, मलबार देश | केशरञ्जन पुं ११८७ भांगरो ओरिसा देश
केशरिसुत पुं ७०५ हनुमान केलि पुं स्त्री ५५५ क्रीडा, रमत | केशव पुं २१४ विष्णु, नारायण, कृष्ण