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- शब्दमाला . ९१.
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ कृत्य न. १५१४ कार्य, प्रवृत्ति कृषक पुं ८९१ फळु, कोस - जेनाथी भूमि कृत्रिमधूप पुं६४८ अनेक द्रव्योनो बनावेल
खेडाय छे ते हळ दशांग धूप
(कृषक) पुं ८९० खेडूत कृत्स्त्र न. १४३३ समस्त, बधु
कृषि स्त्री ८६६ खेती कृपण पुं ३६७ कंजूस माणस कृषिक पुं ८९० खेडूत कृया स्त्री ३६९ अनुकंपा, दया कृषीवल पुं ८९० खेडूत कृपाण पुं ७४२ तलवार
कृष्टि पुं ३४१ विद्वान, पंडित कृपाणिका स्त्री ७८४ कातर, छरी कृष्ण पुं १७ (परि) काळु कृपाणी स्त्री ९११ कातर, छरी कृष्ण पुं २१५ विष्णु, नारायण, कृष्ण कृपाणी स्त्री ७८४ छरी
कृष्णं न. ४१९ काळां मरी कृपालु पुं ३६८ दयालु
कृष्ण पुं ६९७ कृष्ण, वासुदेव कपीट न. १०७० (शे. १६४) पाणी · कृष्ण न. १०५१ सुरमो कृपीटयोनि पुं १०९७ अग्नि
कृष्ण पुं १३९७ श्याम वर्ण कृमि पुं १२०२ शरीरनी अंदर कृष्ण पुं १४७ (शे. २२) कृष्ण पक्ष
उत्पन्न थनार करमिया कृष्ण न. १०४१ (शे. १६०) सीसुं कृमि पुं. १२११ करोळीयो
कृष्णकर्मन् पुं ८५५ दुराचारी ब्राह्मण कृमिज न. ६४० अगरु, अगर कृष्णकाक पुं १३२३ काळो कागडो कृमिजग्ध न. ६४० (शि. ५१) अगरु, अगर कृष्णतण्डुला स्त्री ४११. (शे. १०३) पीपर कृमिजा स्त्री ६८६ लाख .
कृष्णपक्ष पुं ७१० (शे. १३९) अर्जुन कृमिपर्वत पुं ९७० राफडो
कृष्णपिङ्गला स्त्री २०५ (शे. ५१) पार्वती कृमिला स्त्री ५५८ घणी वार
कृष्णभूम पुं ९५३ काळी भूमिवाळो देश प्रसव करनारी स्त्री कृष्णमृत्तिक पुं९५३ काळी भूमिवाळो देश कृश पुं ४४९ दूबळो, पातळो । कृष्णला स्त्री ११५५ चणोठी कश न. १४२७ ना, मोटुं
कृष्णवर्त्मन् पुं १०९८ अग्नि कशानु पुं १०९८ अग्नि
कृष्णवृन्ता स्त्री ११४४ कांकच, काचकी कृशाश्चिन् पुं ३२९ चारण
कृष्णशार पुं १२९४ हरणनी एक जात (कृशेतर) पुं १७ जाडु . कृष्णशृंङ्ग पुं १२८२ पाडो