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अभिधानचिन्तामणिनाममाला . ९०
शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ कूल न. १०७७ कांठो, तीर, किनारो कृतमाल पुं ११४० गरमाळो कूलङ्कषा स्त्री १०८० नदी कृतमुख पुं ३४२ प्रवीण, होशियार, निपुण कूलभू स्त्री १०७७ समुद्र कांठानी भूमि, किनारो | कृतलक्षण पुं ४३७ गुणो वडे कूष्माण्डक पुं २१० शंकरनो गण
प्रसिद्धि पामेलो कूष्माण्डक पुं ११८८ कोळु . | कृतवर्मन् पुं.३७ १३मा विमलनाथ कृक पुं ५८७ डोकनो मध्य भाग
... भगवानना पितानुं नाम कृकण पुं १३३८ सफेद तेतर . . कृतसापत्निका स्त्री ५२७ परणेली पहेली स्त्री 'कृकलाश' पुं १२९९ काचींडो कृतहस्त पुं ३४२ प्रवीण होशियार, निपुण कृकलास पुं १२९९ काचींडो, सरडो कृतहस्त पुं ७७२ बाण सारी रीते कृकवाकु पुं १३२५ कूकडो
.. वापरी जाणनार कृकाटिका स्त्री ५८६ डोक अने माथानी | कृतान्त पुं १८४ यम, महाराज
- संधिनो पाछलो भाग | कृतान्त पुं २४२ आगम, सिद्धांत 'कृकुलास' पुं १२९९ काचींडो कृतान्त (परि.) पुं १९ यमराज कृच्छ्र न. पुं ८४२ चान्द्रायण, पापनो नाश | कृतान्तजनक पुं ९५ सूर्य
करनार तप विशेष कृतार्थ पुं ५२ अतीत चोवीशीना कृच्छ्र न. १३७१ कठिन, दुःख, पीडा।
. १९मा तीर्थंकर कृत् ५ (परि.) जन्य (कार्य) वाचक शब्दने | कृतार्थ पुं.३४३ (शि. २२) प्रवीण, आ शब्द लगाड़तां जनक-वाचक
होशियार ... शब्द बने छे. दा.त. विश्वकृत् । | कृतिन् पुं ३४१ विद्वान, पंडित कृतकर्मन् पुं ३४२ प्रवीण, होशियार, | कृतिन् पुं ३४३ (शि. २२) प्रवीण, निपुण निपुण
कृत्त न. १४९० छेदायेखें, कापेलुं कृतकृत्य पुं ३४३ (शि. २२) प्रवीण, कृत्ति स्त्री ६३० चामडी
निपुण कृत्तिका स्त्री १०९ कृत्तिका नक्षत्र कृतज्ञ पुं १२८० (शे. १८२) कूतरो | कृत्तिकाभव पुं १०५ (शे. १२) चन्द्रमा कृतपुल पुं ७७२ बाण सारी रीते | कृत्तिकासुत पुं २०८ कार्तिकेय, वापरी जाणनार
शंकरनो पुत्र कृतम् अ. १५२७ बस, पर्याप्त सयुं । कृत्तिवासस् पुं १९८ शंकर, महादेव