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' शब्दमाला • ९३ . शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ केशव पुं ४५८ केशवाळो
| (कैरवबन्धु) पुं १०४ चन्द्रमा केशवेष पुं ५७० अंबोडो
कैरविणी स्त्री ११६३. कुमुदनो वेलो केशहस्त पुं ५६८ केश रचना | कैराटक पुं ११९७ स्थावर विष 'केशाम्बुनामन्' न. ११५८ सुगंधी वाळो | कैलास पुं १०२८ अष्टापद पर्वत केशिक पुं.४५८ केश वाळो
कैलासौकस् पुं १९० कुबेर देव केशिन् पुं २२० विष्णुनो शत्रु, विष्णुनो वध्य | कैवर्त पुं ९२९ माछीमार केशिन् पुं ४५८ केशवाळो
कैवल्य न. ७४ मोक्ष (केशिहन्) पुं २२१ विष्णु . | कैशिक न. १४२० वाळनो समूह केशी स्त्री २०५ (शे. ५५) पार्वती कैशिकी स्त्री २८५ वाचिक, सात्त्विक, केशी स्त्री ५७१ शिखा, चोटली
- आंगिक वगेरे अभिनयना प्रकारो केशोच्चय पुं५६८ केशनो समूह, केश रचना | कैश्य न. १४२० केशनो समूह केसर पुं ११३५ केसरा, तांतणा कोक पुं १२९१ वरु केसर न. पुं ११६६ केसरा, तांतणा .. कोक पुं १३३० चक्रवाक, चकवो केसरिन् पुं १२८४ सिंह
कोकनद न. ११६३ रक्त कमळ केसरिन् पुं १२३३ (शे. १७९) घोडो . कोकाह पुं १२३७ धोळो घोडो कैटभ पुं. २२० विष्णुनो शत्रु , कोकिल पुं १३२१ कोयल (कैटभारि) पुं २२१ विष्णु | (कोकिला) स्त्री १३२१ कोयल कैटभी स्त्री २०५ (शे. ६०) पार्वती । | कोट पुं.५८३ (शे. १२२) मूछ, दाढी कैतव न. ३७८ कपट, छळ
क्रोटर पुं न. ११२२ वृक्षनो पोलाणवाळो भाग कैतव न. ४८६ जुगार .
कोटवी स्त्री ५३४ नग्न स्त्री केदारक न. १४१९ क्यारानो समूह, कोटि स्त्री ८७३ क्रोड, करोड संख्या
. क्षेत्रनो समूह . कोटि स्त्री १०१३ खूणो . कैदारिक न. १४१९ क्यारानो समूह, | कोटिपात्र न. ८७९ वहाण, सुकान, हलेसुं
- क्षेत्रनो समूह | कोटिवर्ष न. ९७७ बाणासुरनुं नगर कदार्य न. १४१९ क्यारानो समूह, कोटिश पुं८९३ ढेफां भांगवानो मुद्गर, हथोडो
क्षेत्रनो समूह कोटिश्री स्त्री २०५ (शे. ५५) पार्वती कैरव न. ११६४ चन्द्र विकासी धोळु कमळ | 'कोटी' स्त्री १०१३ खूणो