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________________ वाजिन . शब्दमाला • ७३ शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ | शब्द / लिंग / श्लोक / अर्थ (कलानिधि) पुं १०५ चन्द्रमा कलिन्दिका स्त्री २५८ आन्विक्षिकी वगेरे कलान्तर न. ८८१ व्याज सर्वविद्या कलाप पुं६६४ स्त्रीनो केडनो कन्दोरो, | कलिल न. १४७२ दुःखे प्रवेश करी शकाय मेखला तेवू, दुःखे जाणी शकाय तेवू कलाप पुं ७८२ बाण राखवा- भाएं | कलुष न. १०७१ मलिन, मेलु कलाप पुं १३२० मोरनुं पीछु | कलुष न १३८१ अशुभ, पाप, दुष्कृत्य कलाप पुं १४११ समूह, समुदाय | कलुष पुं १२८३ (शे. १८३) पाडो कलापक पुं १२३२ हाथीने गळे बांधवानुं | कलेवर न. ५६४ शरीर ... बंधन कल्क पुं न. १३८१ अशुभ, पाप, दुष्कृत कलापूर पुं २९४ (शे. ८८) एक प्रकारनुं कल्प पुं १६० प्रलय काळ | कल्प पुं १६१ प्रलय काळ कलाभृत् पुं १०५ चंद्रमा कल्प पुं १७९ कल्पवृक्ष कलामक पुं११६९ कलमी डांगर, कलमी चोखा | कल्प पुं २५० वेदना ६ अंग पैकी कलाय पुं ११७० वटाणा बीजं अंग कलावती स्त्री २८९ तुम्बरुनी वीणा । | कल्प पुं ७४३ नीति, न्याय कलि पुं ७९६ युद्ध, लड़ाई | कल्प पुं ८३९ आचार कलि पुं ११४५ बहेडा नामनुं फळ कल्पन न. ३७२ कापq ते कलिका स्त्री २९१ वीणानी वच्चे रहेली | कल्पनी स्त्री ९११ कातर वांसनी सळी (कल्पावतंसिका) स्त्री २४५ बार उपांग कलिका स्त्री ११२५ पुष्पनी कळी पैकी नवमुं उपांग कलिकारक पुं ८४९ नारद ऋषि कल्पान्त पुं १६१ प्रलयकाळ कलिङ्ग पुं १३३३ मस्तक. चूड, | कल्पित पुं १२२१ युद्ध माटे तैयार काकाकौआ नामनुं पक्षी ___ करेलो हाथी 'कलिद्रुम' पुं ११४५ बहेडा नामनुं फळ | कल्मष न. १३८१ अशुभ, पाप, दुष्कृत्य 'कलिन्दतनया' स्त्री. १०८३ यमुना नदी | कल्मष न. १४३५ (शि. १२९) मलिन; कलिन्दपुत्री स्त्री १०८३ (शि. ९७) यमुना | . मेलु नदी | कल्माष पुं १३९८ काबर चीतरो रंग
SR No.016120
Book TitleShabdamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktichandravijay, Munichandravijay
PublisherShantijin Aradhak Mandal
Publication Year2000
Total Pages474
LanguageGujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size9 MB
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