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अनेहसाम्
अन्तः...-V.iv. 117 देखें- अन्तर्वहिाम् Viv.117 अन्त -VI. 1. 153
(कृष् विलेखने' धातु तथा आकारवान घंजन्त शब्द के) अन्त को (उदात्त होता है)। अन्त -VI.1. 190 (सेट् थल परे रहते इट् को विकल्प से उदात्त होता है; . एवं चकार से आदि और) अन्त को विकल्प से होता
अन्तः -VI. I. 213 (अवती शब्दान्त को सञ्जाविषय में) अन्त (उदात्त होता
--अनेहसाम् - VII. 1. 94
देखें-ऋद्धशनस् VII. 1.94 अनो-III. 49
अनु उपसर्ग से उत्तर(अकर्मक व धातु से व्यक्त वाणी वालों के एक साथ उच्चारण करने अर्थ में आत्मनेपद होता है। अनो: -I. III. 58
अन उपसर्ग से उत्तर (सन्नन्त जा पात से आत्मनेपट नहीं होता है)। अनो: -VI. II. 189
अनु उपसर्ग से उत्तर (अप्रधानवाची उत्तरपद को तथा कनीयस शब्द को अन्तोदात्त होता है)। अनो: -VI. 1.97
अनु से उत्तर (अप् शब्द को ऊकारादेश होता है, देश को कहने में)। अनोत्परः -VIII. iv. 27
(उपसर्ग में स्थित निमित से उत्तर) जो ओकार से परे नहीं है, ऐसे (नस् के नकार) को (णकारादेश होता है)। अनोश्माय सरसाम् -V.iv.94
अनस, अश्मन, अयस् तथा सरस् शब्दान्त (तत्पुरुष समास) से (समासान्त टच प्रत्यय होता है,जाति तथा संज्ञा विषय में)। अनौ-III. II. 100
अनु उपसर्ग पूर्वक (जन्' धातु से कर्म उपपद रहते 'ड' प्रत्यय होता है, भूतकाल में)। अनौत्तराधयें -III. 1. 42
एकधर्मान्वित (संघ) वाच्य हो तो (भी चिधातु से घबू प्रत्यय होता है तथा आदि चकार को ककारादेश होता है, कर्तृभिन्न कारक संज्ञा तथा भाव में)। ...अन्त.. -III. 1. 21 -
देखें-दिवाविमाo III. 1. 21 अन्त... -III. 1.48
देखें- अन्तात्यन्ता III. II. 48 ...अन्त... -VI. iv.55
देखें-आमन्ताo VI. iv. 55 अन्तः-1.v.64 (अपरिग्रह-न स्वीकार करने अर्थ में वर्तमान) अन्तर शब्द क्रियायोग में गति और निपात संज्ञक होता है)।
अन्तः-VI. 1.51 (तवै प्रत्यय को) अन्त (उदात्त भी होता है, तथा अव्यवहित पूर्वपद गति को भी प्रकृतिस्वर एक साथ होता है)। अन्तः -VI. 1.92
(VI. ii. 109 तक पूर्वपद के) अन्त को (उदात्त होता है, यह अधिकार सूत्र है) अन्तः -VI. 1. 143
(यहाँ से आगे पाद की समाप्तिपर्यन्त सर्वत्र समास के उत्तरपद का) अन्त (उदात्त होगा, यह अधिकार है)। अन्तः -VI. 1. 179
अन्तर् शब्द से उत्तर (वन शब्द को अन्तोदात्त होता है)। अन्तः-VI. 1. 180
(उपसर्ग से उत्तर उत्तरपद) अन्त शब्द को (भी अन्तोदात होता है)। ...अन्तः ... -VI. III.96
देखें-चन्तरूपसर्गेभ्यः VI. 1. 96 अन्तः -VII.i.3 (प्रत्यय के अवयव के स्थान में) अन्त् आदेश होता है। ...अन्तः...-VIII. 1.5
देखें-प्रनिरन्तo VIII. iv.s अन्तं-VIII. iv. 19 (उपसर्ग में स्थित निमित से उत्तर पद के) अन्त में वर्तमान (अन् धातु के नकार को णकार आदेश होता है)। अन्तः -VIII. V.23
अन्तर शब्द से उत्तर(अकार पूर्ववाले हन् धातु के नकार कोणकारादेश होता है, देश को न कहा जा रहा हो तो)।